Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Aug, 2017 12:35 AM
केंद्रीय मंत्रिमंडल में चल रही फेरबदल की चर्चा के बीच सरकार 10 राज्यों में नए राज्यपालों की ....
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल में चल रही फेरबदल की चर्चा के बीच सरकार 10 राज्यों में नए राज्यपालों की नियुक्ति भी कर सकती है। अरुणाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार, मेघालय, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, जम्मू-कश्मीर, ओडिशा और सिक्किम में नए राज्यपालों की नियुक्ति की जा सकती है। इनमें से अरुणाचल प्रदेश, तेलंगाना, बिहार, मेघालय, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु के राजभवन अतिरिक्त कार्यभार के सहारे चल रहे हैं।
इनके अलावा ओडिशा, सिक्किम और आंध्र प्रदेश के भी राज्यपाल बदलने की चर्चा है। इन में से 2 राज्यों में राज्यपाल के कार्यकाल में हालांकि 7 और 11 महीने का समय शेष है लेकिन माना जा रहा है कि ओडिशा में भविष्य की राजनीति को देखते हुए भाजपा वहां किसी अन्य चेहरे को राजभवन भेज सकती है। फिलहाल एस.सी. जमीर ओडिशा के राज्यपाल हैं और उनकी नियुक्ति यू.पी.ए. सरकार के कार्यकाल में मई 2013 में हुई थी जबकि सिक्किम के राज्यपाल एस.डी. पाटिल की नियुक्ति भी जुलाई 2013 में यू.पी.ए. सरकार के कार्यकाल में ही हुई थी।
आंध्र प्रदेश के राज्यपाल ई.एस.एल. नरसिम्हा मई 2012 से पद पर बने हुए हैं और उनका कार्यकाल इस साल मई में समाप्त हो चुका है। उनके पास तेलंगाना का भी अतिरिक्त प्रभार है और माना जा रहा है कि इन दोनों राज्यों के राजभवन में नए चेहरे आएंगे। माना जा रहा है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार और भाजपा के संगठन में फेरबदल के साथ ही पिछले लम्बे समय से लटक रहा राज्यपालों की नियुक्ति का काम भी कर दिया जाएगा। हालांकि इसके लिए अक्तूबर तक का इंतजार करना पड़ सकता है क्योंकि 2 सितम्बर के आसपास केंद्रीय कैबिनेट में फेरबदल के आसार हैं, उसके बाद प्रधानमंत्री विदेश दौरे पर चले जाएंगे। इसके बाद पितृपक्ष शुरू हो जाएगा। लिहाजा राज्यपालों की नियुक्ति अक्तूबर में हो सकती है।
अस्वस्थ वोहरा बदले जाएंगे
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एन.एन. वोहरा ने खुद गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर उनका विकल्प ढूंढने के लिए कहा है। वोहरा ने पत्र में स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर पद पर बने रहने में असमर्थता जताई है। वोहरा को 2013 में दूसरी बार राज्य का राज्यपाल बनाया गया था।
ओडिशा व सिक्किम के राज्यपाल बदलने में संवैधानिक बाधा नहीं
राज्यपाल को हटाने को लेकर केंद्र सरकार के सामने किसी तरह की संवैधानिक समस्या नहीं है। हालांकि राज्यपाल के कार्यकाल को 5 साल का माना जाता है लेकिन यह राष्ट्रपति के विवेक पर निर्भर करता है कि यदि केन्द्रीय कैबिनेट किसी राज्य के राज्यपाल को समय से पहले हटाना चाहे तो वह इसकी सिफारिश राष्ट्रपति को भेज सकती है और राष्ट्रपति इस सिफारिश पर अमल करते हुए राज्यपाल का कार्यकाल कम या ज्यादा कर सकते हैं। लिहाजा ओडिशा व सिक्किम के राज्यपालों को समय से पहले बदलने में किसी तरह की संवैधानिक बाधा नहीं है।