आशावाद से नई ऊंचाई पर बाजार, स्मॉलकैप-मिडकैप रिकॉर्ड स्तर पर

Edited By ,Updated: 01 Apr, 2017 03:32 PM

smallcap midcap record at record level

अर्थव्यवस्था और आय में सुधार की उम्मीद में निफ्टी, स्मॉलकैप व मिडकैप समेत कई शेयर ...

नई दिल्लीः अर्थव्यवस्था और आय में सुधार की उम्मीद में निफ्टी, स्मॉलकैप व मिडकैप समेत कई शेयर व सुचकांक 2016-17 में अपने-अपने रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए हैं। बेंचमार्क निफ्टी और सैंसेक्स में क्रमशः 19 व 17 फीसदी की बढ़ौतरी दर्ज की गई है, जिसे देसी और विदेशी निवेश में मजबूती से सहारा मिला।

स्मॉल व मिडकैप सूचकांकों में बढ़ौतरी
वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान स्मॉल व मिडकैप सूचकांक पिछले सात सालों में बेहतर प्रदर्शन के मामले में दूसरे स्थान पर रहे। साल के दौरान एसएेंडपी बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक 37 फीसदी चढ़ा जबकि एसएेंडपी बीएसई मिडकैप सूचकांक में 33 फीसदी की बढ़ौतरी दर्ज हुई है। वित्त वर्ष 2015 में स्मॉल व मिडकैप सूचकांकों में क्रमशः 53 व 50 फीसदी का उछाल आया था जबकि बेंचमार्क सूचकांक 25 फीसदी चढ़ा था। इससे पहले वित्त वर्ष 2010 में दोनों सूचकांकों में 130 फीसदी से ज्यादा का उछाल आया था और उस दौरान सैंसेक्स में 81 फीसदी की बढ़ौतरी दर्ज हुई थी।

इस अवधि में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (55,680 करोड़ रुपए) व देसी म्युचुअल फंडों (51,293 करोड़ रुपए) की तरफ से संयुक्त रुप से ज्यादा का निवेश होने से भी इक्विटी बाजार में तेजी आई। मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख गौतम दुग्गड़ ने कहा, मार्च 2015-मार्च 2017 के दौरान संस्थानों का वर्चस्व रहा। देसी संस्थानों की तरफ से 15.9 अरब डॉलर का निवेश हुआ, वहीं एफआईआई ने 5 डॉलर का निवेश किया।
 

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