टमाटर के बाद अब प्याज के दाम में लगेगी आग, इतने रुपए तक हो सकती हैं कीमतें

Edited By jyoti choudhary,Updated: 05 Aug, 2023 11:26 AM

after tomato now the price of onion will be on fire

टमाटर की आसमान छूती कीमतों के बीच अब प्याज पर भी महंगाई का रंग चढ़ने लगा है। किसानों को रूलाने के बाद अब प्याज आम लोगों की आंखों से महंगाई के आंसू निकालने को तैयार है। बारिश से फसलों को हुए नुकसान के कारण प्याज के दाम भी तेजी से बढ़ रहे हैं। कुछ...

बिजनेस डेस्कः टमाटर की आसमान छूती कीमतों के बीच अब प्याज पर भी महंगाई का रंग चढ़ने लगा है। किसानों को रूलाने के बाद अब प्याज आम लोगों की आंखों से महंगाई के आंसू निकालने को तैयार है। बारिश से फसलों को हुए नुकसान के कारण प्याज के दाम भी तेजी से बढ़ रहे हैं। कुछ दिनों पहले तक 15 रुपए किलो बिकने वाली प्याज की कीमत अब 25 से 30 रुपए हो गई है। रिपोर्ट के मुताबिक आगे इसकी कीमतों में और बढ़ोतरी हो सकती है। 

कितना हो सकता है महंगा

क्रिसिल ने एक रिसर्च रिपोर्ट में कहा है कि आपूर्ति में संभावित कमी के कारण सितंबर की शुरुआत में खुदरा बाजार में प्याज की कीमतें 60-70 रुपए प्रति किलोग्राम तक बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि, अक्टूबर में आपूर्ति में सुधार होने से कीमतों में कमी आ जाएगी।

Crisil ने कहा, 'सितंबर के बजाय अगस्त के अंत तक खुले बाजार में रबी स्टॉक में काफी गिरावट आने की उम्मीद है, जिससे मंदी का मौसम 15-20 दिनों तक बढ़ जाएगा, जिससे बाजार में आपूर्ति में कमी और ऊंची कीमतों का सामना करने की संभावना है।' रिपोर्ट में कहा गया है कि असामान्य मौसम की स्थिति ने पारंपरिक आपूर्ति को बाधित कर दिया है। प्याज की कीमतें फिलहाल 30 रुपए प्रति किलोग्राम के आसपास हैं। रिपोर्ट के अनुसार, उच्च तापमान के कारण फरवरी में प्रमुख उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र (कुल हिस्सेदारी का 49 प्रतिशत), मध्य प्रदेश (22 प्रतिशत), और राजस्थान (6 प्रतिशत) में रबी की फसल जल्दी पक गई।

इसके अलावा, मार्च में इन क्षेत्रों में बेमौसम बारिश ने प्याज की गुणवत्ता को प्रभावित किया। मूसलाधार बारिश से इसकी शेल्फ लाइफ छह महीने से घटकर 4-5 महीने रह गई, जिससे भंडारण संबंधी चिंताएं बढ़ गईं और किसानों द्वारा घबराहट में बिक्री शुरू हो गई।

अक्टूबर से मिलेगी राहत

क्रिसिल के डायरेक्टर पूषन शर्मा के अनुसार, अक्टूबर में खरीफ की आवक शुरू होने पर प्याज की आपूर्ति में सुधार होना चाहिए, जिससे कीमतें कम होंगी। क्रिसिल की रिपोर्ट में कहा गया है कि वार्षिक उत्पादन 29 मिलियन मीट्रिक टन होने का अनुमान है, जो पिछले पांच वर्षों (2018-2022) के औसत से 7 प्रतिशत अधिक है। यह रिपोर्ट टमाटर की कीमतें बढ़ने के बाद आई है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि सितंबर की शुरुआत तक टमाटर की कीमतें स्थिर होने की उम्मीद है।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में टमाटर की कीमतें एक बार फिर आसमान छू रही हैं। मदर डेयरी ने अपनी सफल खुदरा दुकानों पर टमाटर 259 रुपए प्रति किलो के भाव पर बेच रहा है। टमाटर के प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण आपूर्ति बाधित होने से इसकी कीमतें एक महीने से अधिक समय से बढ़ी हुई हैं। टमाटर की बढ़ती कीमतों ने आम आदमी की जेब पर बड़ा असर डाला है। ऐसे में प्याज की कीमतें बढ़ने से आम लोगों पर महंगाई का दोहरा मार पड़ता तय है।

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