Edited By jyoti choudhary,Updated: 23 Sep, 2018 04:54 PM
साल 2016 में किसान कल्याण के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना नूंह जिले के किसानों को रास आने लगी है। शुरू में जागरूकता की भले ही कमी थी लेकिन तेजी से लाभार्थी
नई दिल्लीः साल 2016 में किसान कल्याण के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना नूंह जिले के किसानों को रास आने लगी है। शुरू में जागरूकता की भले ही कमी थी लेकिन तेजी से लाभार्थी किसानों की संख्या बढ़ रही है। खरीफ और रबी की फसलों के लिए किसान बीमा का लाभ ले रहे हैं।
वैसे बाजरा, कपास, धान, गेंहू इत्यादि फसल इसमें आती हैं। नूंह जिले में करीब 92 हजार किसानों के किसान क्रेडिट कार्ड बने हुए हैं। एनपीए यानि कर्ज अदायगी महज 15 -20 हजार किसान ही ठीक ढंग से कर पा रहे हैं। किसान इस योजना में तीन प्रकार से लाभ ले सकते हैं। ओलावृष्टि, जलभराव या बीमारी के कारण जो फसलें खराब हो जाती हैं। उनका आर्थिक लाभ किसान को बीमा कम्पनी से मिल जाता है।
किसानों ने बताया कि शुरूआत में उन्हें दिक्कत आई थी लेकिन वो अब हर छमाही में फसल बीमा योजना का लाभ उठा पा रहे हैं। चिंता की बात ये है कि आर्थिक स्थिति कमजोर होने के चलते कर्ज को किसान समय पर नूंह मेवात जिले में नहीं चुका पाते हैं, जिसकी वजह से बैंक किसान क्रेडिट कार्ड बनाने में आनाकानी करते हैं। मेवात के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती है और खेती बरसात पर आधारित है। इस बार अच्छी खबर ये है कि बरसात अच्छी हुई तो फसल भी बीते सालों की तुलना में इस बार अच्छी दिख रही है।