‘अदालतों में मुकद्दमों के पहाड़’ निपटाने के लिए ‘मध्यस्थता’ एक अच्छा विकल्प

Edited By ,Updated: 28 Nov, 2019 12:59 AM

arbitration is a good option to settle mountains of lawsuits in courts

न्याय मंत्रालय द्वारा लोकसभा में पेश ‘राष्ट्रीय न्यायिक डाटा ग्रिड’ के आंकड़ों के अनुसार इस समय सुप्रीमकोर्ट में 59,867, हाईकोर्टों में 44,76,625 तथा जिला एवं निचली अदालतों में 3,14,53,555 मुकद्दमे मिला कर देश के सभी न्यायालयों में लगभग 3.59 करोड़...

न्याय मंत्रालय द्वारा लोकसभा में पेश ‘राष्ट्रीय न्यायिक डाटा ग्रिड’ के आंकड़ों के अनुसार इस समय सुप्रीमकोर्ट में 59,867, हाईकोर्टों में 44,76,625 तथा जिला एवं निचली अदालतों में 3,14,53,555 मुकद्दमे मिला कर देश के सभी न्यायालयों में लगभग 3.59 करोड़ मामले लंबित हैं। जहां तक निचली एवं जिला अदालतों में लंबित 3,14,53,555 मुकद्दमों का संबंध है, उनमें से 14 प्रतिशत अर्थात लगभग 23,90,775 मुकद्दमे 10 वर्ष या इससे भी अधिक पुराने हैं।

हालत यह है कि तारीख पर तारीख पड़ती जाने और वर्षों तक फैसला न हो पाने के कारण न्याय की प्रतीक्षा कर रहे अनेक पीड़ित तो इस दुनिया से कूच भी कर गए हैं। इसी को देखते हुए कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने देश के सभी न्यायालयों के न्यायाधीशों से अपनी अदालतों में 10 वर्ष या इससे अधिक पुराने मामलों का त्वरित निपटारा करने को कहा है। इसी संदर्भ में कलकत्ता हाईकोर्ट में लंबित 2.29 लाख याचिकाओं को देखते हुए इनसे जुड़े विवाद सुलझाने के लिए अदालत द्वारा याचिकाकर्ताओं को मध्यस्थता जैसी प्रक्रिया का सहारा लेने पर जोर दिया जा रहा है।

विभिन्न विवादों से जुड़े लोगों को इस बात के लिए प्रेरित किया जा रहा है कि वे अपने मुकद्दमे अदालतों में लडऩे की बजाय मध्यस्थता का सहारा लेकर इनका निपटारा जल्दी करवाएं क्योंकि अदालत में लाखों याचिकाएं लंबित होने के कारण इन पर फैसला लेने में लंबा समय लग सकता है। कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायाधीश हरीश टंडन के अनुसार विवाद सुलझाने के लिए मध्यस्थता एक प्रभावशाली माध्यम है जिससे दोनों पक्ष अपने मतभेद आसानी से सुलझा सकते हैं और यह स्थिति दोनों के लिए जीत जैसी होगी।

जहां विवादों के निपटारे के लिए कानून मंत्री द्वारा अदालतों से मामलों का शीघ्र निपटारा करने का निर्देश देना सही है वहीं मध्यस्थता प्रक्रिया को भी कानूनी मान्यता प्राप्त है अत: यदि संबंधित पक्ष मध्यस्थता द्वारा अपने विवादों का निपटारा कर सकें तो यह उनके हित में ही होगा।     —विजय कुमार  

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!