Edited By ,Updated: 10 May, 2024 04:54 AM
राजनीतिक दलों में दल-बदल का रोग केवल भारत तक ही सीमित नहीं बल्कि इंगलैंड जैसे देश में भी जारी है। ब्रिटेन में अगले वर्ष की शुरुआत में आम चुनाव होने जा रहे हैं लेकिन इससे पहले ही प्रधानमंत्री ऋषि सुनक को राजनीतिक झटके लगने शुरू हो गए हैं।
राजनीतिक दलों में दल-बदल का रोग केवल भारत तक ही सीमित नहीं बल्कि इंगलैंड जैसे देश में भी जारी है। ब्रिटेन में अगले वर्ष की शुरुआत में आम चुनाव होने जा रहे हैं लेकिन इससे पहले ही प्रधानमंत्री ऋषि सुनक को राजनीतिक झटके लगने शुरू हो गए हैं। ब्रिटेन में चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में कंजर्वेटिव पार्टी की हार की संभावना व्यक्त की जा रही है जिससे सत्ताधारी पार्टी के सांसदों की चिंता बढ़ गई है तथा पिछले 15 दिनों के भीतर उनकी कंजर्वेटिव पार्टी के 2 सांसद पार्टी छोड़ कर लेबर पार्टी में शामिल हो गए हैं।
8 मई को डोवर से ‘कंजर्वेटिव सांसद’ ‘नताली एलफिस्के’ पाला बदल कर लेबर पार्टी में शामिल हो गईं। इससे पहले अप्रैल के अंत में कंजर्वेटिव सांसद ‘डैन पोल्टर’ पार्टी से नाता तोड़कर लेबर पार्टी में शामिल हो चुके थे। चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में ‘नताली एलफिस्के’ की डोवर सीट भी खतरे में बताई गई और यहां सत्ताधारी पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ सकता है, इन्हीं कारणों से उन्होंने दल-बदल किया है।
कुछ दिन पहले तक लेबर पार्टी की कटु आलोचक रहीं ‘नताली एलफिस्के’ ने पार्टी छोडऩे के समय प्रधानमंत्री ऋषि सुनक पर वादे तोडऩे एवं मुख्य वादे भूलने का आरोप लगाते हुए अपने त्यागपत्र में कहा : ‘‘जब मैं 2019 में चुनी गई, कंजर्वेेटिव पार्टी ब्रिटेन की राजनीति के केंद्र में थी। पार्टी हमारे देश को आगे ले जाने के लिए भविष्य का निर्माण कर रही थी और अवसर सृजित कर रही थी लेकिन अब कई चीजें बदल गई हैं तथा 2019 के चुनावी घोषणा पत्र के वादे को भुला दिया गया है।’’
इन दोनों ही सांसदों ने पार्टी और सुनक का साथ ऐसे समय में छोड़ा है, जब ब्रिटेन में हाल में हुए उपचुनावों और स्थानीय चुनावों में कंजर्वेटिव पार्टी की बड़ी हार हुई है। ब्रिटेन की राजनीति में नेताओं का दल-बदल नई बात नहीं है और वहां 1698 से ही नेताओं के दल बदलने का सिलसिला जारी है लेकिन चुनाव के निकट इस तरह का दल बदल निश्चित रूप से चर्चा में आ जाता है। माना जा रहा है कि चुनाव को देखते हुए आने वाले महीनों में ब्रिटेन में और राजनीतिक उठा पटक भी देखने को मिल सकती है।—विजय कुमार