Edited By ,Updated: 10 May, 2024 05:02 AM
दूसरे देशों में जाकर पढ़ाई और नौकरी करने वालों में सर्वाधिक संख्या विदेशों में रहने वाले भारतीयों की है। लगभग 1 करोड़ 80 लाख भारतीय विदेशों में रहते हैं जो देश की कुल जनसंख्या का 1.3 प्रतिशत हिस्सा है। सर्वाधिक भारतीय संयुक्त अरब अमीरात, अमरीका और...
दूसरे देशों में जाकर पढ़ाई और नौकरी करने वालों में सर्वाधिक संख्या विदेशों में रहने वाले भारतीयों की है। लगभग 1 करोड़ 80 लाख भारतीय विदेशों में रहते हैं जो देश की कुल जनसंख्या का 1.3 प्रतिशत हिस्सा है। सर्वाधिक भारतीय संयुक्त अरब अमीरात, अमरीका और सऊदी अरब में रहते हैं। विदेश में कमाई करके अपने देश में धन भेजने के मामले में विदेशों में रहने वाले भारतीय दुनिया में सबसे आगे हैं। विश्व बैंक के अनुसार वर्ष 2020 में जब सारी दुनिया में कोरोना का प्रकोप व्याप्त था, उस संकट की घड़ी में विदेशों में रहने वाले भारतीयों ने अपने देश में 83 अरब डालर तथा 2021 में 87 अरब डालर राशि भेजी।
और अब ‘यूनाइटिड नेशंस माइग्रेशन एजैंसी’ ने अपनी ताजा रिपोर्ट में बताया है कि वर्ष 2022 में दूसरे देशों से भारत में सर्वाधिक 111 अरब डालर की रकम भेजी गई और इस प्रकार भारत 100 अरब डालर का आंकड़ा पार करने वाला पहला देश बन गया है, जहां एक वर्ष में विदेशों से इतनी बड़ी रकम भेजी गई है। भारत के बाद वर्ष 2022 में मैक्सिको, चीन, फिलीपींस और फ्रांस सबसे अधिक ‘रेमिटैंस’ प्राप्त करने वाले देश हैं। इस प्रकार विदेशों में रहने वाले भारतीय जहां देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में योगदान दे रहे हैं वहीं अपने परिवारों की खुशहाली में भी वृद्धि कर रहे हैं।
बच्चों की जिद के आगे झुक कर बूढ़े हो रहे माता-पिता अपनी संतानों को इसी आशा के साथ विदेश भेजते हैं कि वे वहां जाकर अपने काम से देश का नाम रोशन करने के साथ-साथ अपने परिवार को धन भेज कर उन्हें खुशहाल बनाएंगे और अधिकांश विदेशों में रहने वाले भारतीय उनकी यह आशा पूरी कर रहे हैं। उक्त आंकड़ों से स्पष्ट है कि विदेशों में रहने वाले भारतीय अपना कत्र्तव्य भली-भांति निभाकर भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत करने में सराहनीय योगदान दे रहे हैं। आशा करनी चाहिए कि भविष्य में इसमें और वृद्धि होगी।—विजय कुमार