‘किसान समस्या सुलझाने के मामले में’ ‘केंद्र का अदूरदर्शिता पूर्ण रवैया’

Edited By ,Updated: 27 Nov, 2020 03:23 AM

center s short sighted approach in terms of farmer problem solving

केंद्र सरकार द्वारा लागू 3 नए कृषि कानूनों के विरुद्ध पंजाब और हरियाणा सहित देश के कुल 6 राज्यों के 200 से अधिक कृषक संगठन आंदोलन पर उतरे हुए हैं जिनका आरोप है कि इनके द्वारा केंद्र सरकार..

केंद्र सरकार द्वारा लागू 3 नए कृषि कानूनों के विरुद्ध पंजाब और हरियाणा सहित देश के कुल 6 राज्यों के 200 से अधिक कृषक संगठन आंदोलन पर उतरे हुए हैं जिनका आरोप है कि इनके द्वारा केंद्र सरकार किसानों को कार्पोरेट घरानों का बंधक बनाने व उन्हें खेती से बेदखल करने की तैयारी कर रही है।

कृषक संगठन इन कानूनों में बदलाव करके उनमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम.एस.पी.) को शामिल करने व फसल के मंडीकरण बारे स्थिति साफ करने की मांग के समर्थन में आंदोलन कर रहे हैं। इस आंदोलन के कारण मालगाडिय़ां बंद रहने से पंजाब में सामान का आना-जाना बंद हो गया है और उद्योग-व्यवसाय के सामने भारी संकट के अलावा करोड़ों रुपए का घाटा रेलवे तथा उद्योग जगत को पड़ चुका है। 

13 नवम्बर को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ पंजाब के लगभग 3 दर्जन कृषक संगठनों के प्रतिनिधियों की बैठक बेनतीजा रहने के बावजूद किसानों ने रेल की पटरियों से धरना हटा कर मालगाडिय़ां जाने की अनुमति तो भले ही दे दी परंतु उन्होंने अपनी पूर्व घोषणा के अनुसार 26 और 27 नवम्बर को दिल्ली में रोष प्रदर्शन का निर्णय नहीं बदला।

इसी के अनुसार 26 नवम्बर को तीनों कानून वापस लिए जाने तक आंदोलन जारी रखने को कृतसंकल्प पंजाब व हरियाणा के अलावा उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान व केरल के किसानों ने दल-बल के साथ दिल्ली की ओर कूच कर दिया है। पंजाब के किसानों ने अपने ट्रैक्टरों की ट्रालियों में ही अस्थायी आश्रय बना कर उनमें वर्षा आदि से बचाव का सारा प्रबंध करने के अलावा सोने के लिए बिस्तर, भोजन बनाने के सामान और राशन का पूरा बंदोबस्त भी कर लिया। रास्ते में जहां भी रोका गया वहां किसानों ने धरना लगा दिया। 

हालांकि हरियाणा सरकार द्वारा पंजाब के किसानों को रोकने के लिए ‘रैपिड एक्शन फोर्स’ (आर.ए.एफ.) भी लगाई गई थी तथा अनेक स्थानों पर किसानों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ‘ड्रोन कैमरे’ भी लगाए गए थे और प्रशासन द्वारा लाऊड स्पीकरों पर किसानों को वापस जाने की अपील भी की जा रही थी परंतु उन पर कोई असर नहीं हुआ। शम्भू बार्डर पर हरियाणा पुलिस ने उन पर पानी की बौछारें और आंसू गैस के गोले छोड़े जिससे किसान और भी भड़क उठे। उन्होंने सुरक्षा बलों द्वारा की हुई भारी बैरीकेङ्क्षडग और ट्रक आदि खड़ेकरके लगाए हुए अवरोधक तोडफ़ोड़ कर घग्गर नदी में फैंक दिए। 

गुरुग्राम तथा अन्य स्थानों पर भी सुरक्षा बलों द्वारा खड़े किए हुए अवरोधक भी किसानों को रोकने में सफल न हो सके। किसानों ने बसों आदि में बैठ कर भी दिल्ली में घुसने की कोशिश की। गुरुग्राम में एकत्रित किसानों के कारण कई किलोमीटर लम्बा जाम लग गया। 

करनाल, जींद, खनौरी सीमा तथा अन्य स्थानों पर उग्र किसानों की पुलिस से झड़पों के अलावा बैरीकेडों आदि की तोडफ़ोड़, पथराव तथा दिल्ली-राजस्थान सीमा पर भी सुरक्षा बलों के साथ झड़पें हुईं। इस बीच किसी भी समय दिल्ली कूच के लिए तैयार किसानों का काफिला 26 नवम्बर शाम पानीपत पहुंच कर रात्रि पड़ाव के लिए वहां रुक गया है। किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने 25 नवम्बर रात से ही ट्रकों तथा बड़े वाहनों को हाईवे पर रोक रखा है जिससे ट्रकों को बाबरपुर से आगे न जाने देने और ट्रैफिक रूट डायवर्ट करने के कारण भूखे-प्यासे बैठे ड्राइवरों को भारी परेशानी हो रही है। उनका कहना है कि वे तो किसानों और सरकार की लड़ाई के बीच बिना किसी कसूर के ही पिस रहे हैं तथा समय पर माल न पहुंचने के कारण उन्हें भाड़ा भी कम या नहीं मिलेगा। 

विवाह-शादियों का मौसम होने के कारण आम लोगों को तथा दिल्ली के अस्पतालों में डाक्टरी जांच आदि करवाने के लिए जाने वालों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस तरह की स्थिति में जहां केंद्र सरकार को तुरंत हस्तक्षेप करके मामला सुलझा कर सामान्य स्थिति बहाल करनी चाहिए परंतु केंद्र सरकार इस मामले में टालमटोल वाला रवैया ही अपनाती रही है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने अब आंदोलनकारियों के साथ तुरंत वार्ता करने के स्थान पर कई दिन बाद 3 दिसम्बर को किसान नेताओं को वार्ता के लिए बुलाया है जो सरकार की अदूरदॢशता को ही दिखाता है। यदि सरकार पहले ही किसान नेताओं से बात करके इस मामले को सुलझा लेती तो आज यह नौबत न आती और न ही कोई समस्या पैदा होती।—विजय कुमार 

Related Story

Trending Topics

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!