FTA पर हस्ताक्षर की ओर बढ़ते कदम, जल्द ब्रिटेन दौरे पर जा सकते हैं PM मोदी

Edited By Updated: 09 Jul, 2025 12:46 AM

prime minister modi preparing for uk visit

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने के अंत तक ब्रिटेन की एक महत्वपूर्ण राजकीय यात्रा पर जा सकते हैं, जहां भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता (Free Trade Agreement - FTA) को औपचारिक रूप से अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने के अंत तक ब्रिटेन की एक महत्वपूर्ण राजकीय यात्रा पर जा सकते हैं, जहां भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता (Free Trade Agreement - FTA) को औपचारिक रूप से अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है। इस दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी, रक्षा सहयोग, और तकनीकी सुरक्षा जैसे अहम क्षेत्रों में सहयोग को भी नई दिशा देने की तैयारी है।

यात्रा की संभावित तारीखें और तैयारी

राजनयिक सूत्रों के अनुसार, भारत और ब्रिटेन की टीमें जुलाई के अंत या अगस्त की शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी की लंदन यात्रा के लिए संभावित तारीखों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में हैं।

पहले यह कयास लगाए जा रहे थे कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीअर स्टॉर्मर सबसे पहले भारत का दौरा करेंगे, लेकिन अब यह माना जा रहा है कि वे वर्ष 2025 के अंत तक भारत आएंगे। इस बदलाव के पीछे दोनों देशों के एजेंडों की प्राथमिकताएं और FTA वार्ताओं की प्रगति बताई जा रही है।

भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता (FTA): क्या है खास?

भारत और ब्रिटेन ने मई 2025 में मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर सैद्धांतिक सहमति जताई थी। इस समझौते में कई महत्वपूर्ण बिंदु शामिल हैं:

  • 99% वस्तुओं पर शुल्क में छूट, जिससे ब्रिटेन की कंपनियां व्हिस्की, ऑटोमोबाइल (जैसे लक्ज़री कारें), फार्मास्यूटिकल्स और सेवाएं भारत को आसानी से निर्यात कर सकेंगी।

  • भारत के लिए ब्रिटेन के सेवा क्षेत्र में आसान पहुंच – विशेष रूप से आईटी, फिनटेक और हेल्थकेयर जैसे सेक्टर्स में।

  • यह समझौता ब्रेक्ज़िट के बाद ब्रिटेन द्वारा किया गया सबसे बड़ा व्यापार समझौता माना जा रहा है।

FTA के साथ-साथ दोनों देशों ने “Double Taxation Avoidance Agreement” (DTAA) यानी दोहरा करारोपण रोकथाम समझौता भी किया है, जो दोनों देशों के निवेशकों को कर संबंधी राहत देगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने इन समझौतों को “ऐतिहासिक मील का पत्थर” बताते हुए कहा था कि यह भारत-ब्रिटेन संबंधों को नए व्यापारिक, आर्थिक और सामरिक स्तर पर ले जाने वाला कदम है।

रक्षा और रणनीतिक सहयोग पर भी चर्चा

प्रधानमंत्री मोदी की संभावित लंदन यात्रा के दौरान रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में सहयोग को गहराई देने पर भी विशेष चर्चा होगी। इसमें खासतौर पर निम्न पहलुओं पर विचार किया जाएगा:

  • Technology Security Initiative (TSI): दोनों पक्ष इस पहल के कार्यान्वयन को लेकर आगे की रणनीति पर विचार कर सकते हैं।

  • रक्षा उत्पादन और तकनीकी साझेदारी: भारत की ‘मेक इन इंडिया’ रक्षा नीति के अंतर्गत संयुक्त रक्षा निर्माण, AI आधारित निगरानी सिस्टम, और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग संभव है।

  • इंडो-पैसिफिक में रणनीतिक संतुलन: ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका के साथ भारत की बढ़ती नौसेना साझेदारी के संदर्भ में ब्रिटेन के साथ इंडो-पैसिफिक नीति पर भी सामरिक संवाद की उम्मीद है।

 

यह यात्रा केवल व्यापार और रक्षा तक सीमित नहीं होगी। दोनों देशों के बीच जलवायु परिवर्तन, शिक्षा, स्वास्थ्य, डिजिटल गवर्नेंस, और आपसी निवेश जैसे विषयों पर भी अहम फैसले लिए जा सकते हैं। ब्रिटेन में भारतीय मूल की बड़ी आबादी और व्यवसायिक समुदाय होने के कारण यह यात्रा ‘पीपल-टू-पीपल कनेक्ट’ को भी मजबूत कर सकती है।

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