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‘पाकिस्तानी ड्रोनों के मुकाबले के लिए’ बेहतर तकनीक की फौरन जरूरत

Edited By ,Updated: 10 Oct, 2021 05:17 AM

immediate need for better technology  to compete with pakistani drones

समय-समय पर ऐसे प्रमाण सामने आते रहते हैं जिनसे भारत को दहलाने के लिए हथियारों की तस्करी में पाकिस्तान सरकार और उसकी विभिन्न एजैंसियों की भागीदारी का पता चलता है। इसके लिए उन्होंने ड्रोन के रूप में एक नए हथियार का इस्तेमाल

समय-समय पर ऐसे प्रमाण सामने आते रहते हैं जिनसे भारत को दहलाने के लिए हथियारों की तस्करी में पाकिस्तान सरकार और उसकी विभिन्न एजैंसियों की भागीदारी का पता चलता है। इसके लिए उन्होंने ड्रोन के रूप में एक नए हथियार का इस्तेमाल शुरू किया है : 

* 2-3 अक्तूबर की रात्रि को भारत-पाक सीमा पर स्थित बी.एस.एफ. की सीमा चौकी ‘धर्मा’ के अंतर्गत अंतर्राष्ट्रीय सीमा बुर्जी नंबर 137/20 के सामने ड्रोन की आवाज सुनकर सुरक्षा बलों ने उसे गिराने के लिए फायरिंग की परंतु ड्रोन पाकिस्तान वापस जाने में सफल हो गया। 
* 3 अक्तूबर को जम्मू में अंतर्राष्ट्रीय सीमा के निकट पाकिस्तान के एक ड्रोन से फैंकी गई 1 ए.के.-47 असाल्ट राइफल, 3 मैगजीन, 30 गोलियों और एक टैलीस्कोप सहित हथियारों की खेप बरामद हुई।
* 5 अक्तूबर को भारत-पाक सीमा पर गुरदासपुर में बोहड़ वडाला के पास पाकिस्तान से आए ड्रोन को बी.एस.एफ. की महिला कांस्टेबलों ने फायर करके वापस जाने के लिए मजबूर कर दिया। 

* 5 अक्तूबर को ही भारत-पाक सीमा पर बमियाल सैक्टर में ड्रोन देखा गया जिसे बी.एस.एफ. जवानों ने फायर करके खदेड़ दिया। 
उल्लेखनीय है कि 20 जुलाई को जम्मू-कश्मीर के डी.जी.पी. दिलबाग सिंह ने कहा था कि आतंकी गिरोहों के बढ़ते खतरे के बीच सुरक्षा के लिए ड्रोन एक नई चुनौती बन कर आया है, जिसका इस्तेमाल लश्कर-ए-तोएबा जैसे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन कर रहे हैं। 

वरिष्ठ बी.एस.एफ. अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तानी ड्रोनों द्वारा की जाने वाली हथियारों, गोलाबारूद तथा नशीले पदार्थों की तस्करी पकडऩे के लिए भारत जो आब्जर्वेशन उपकरण इस्तेमाल कर रहा है वह उन्हें पकडऩे के लिए उपयुक्त नहीं हैं। हाल ही में बी.एस.एफ. की पश्चिमी कमान के एडीशनल डायरैक्टर जनरल  एन.एस. जामवाल, इंस्पैक्टर जनरल (पंजाब फ्रंटियर) सोनाली मिश्रा, डिप्टी इंस्पैक्टर जनरल (गुरदासपुर सैक्टर) प्रभाकर जोशी ने अग्रिम क्षेत्रों का दौरा करने के बाद पाकिस्तानी ड्रोनों को पछाडऩे के लिए बार्डर सिक्योरिटी फोर्स के लिए बेहतर एंटी ड्रोन टैक्नोलॉजी की आवश्यकता बताई है। 

बी.एस.एफ. के पूर्व आई.जी. (पंजाब फ्रंटियर) एम.एस. मल्ही के अनुसार, ‘‘ड्रोनों को पछाडऩे के लिए मौजूदा तकनीकें किसी काम की नहीं हैं।’’इस समय जब पाकिस्तान की ओर से भारत के विरुद्ध गतिविधियों के लिए ड्रोनों के इस्तेमाल में लगातार वृद्धि हो रही है, आतंकवाद विरोधी गतिविधियों का सफाया करने के अभियान में ड्रोनों को प्रभावशाली ढंग से नाकारा करने की बेहतर तकनीक एवं उपकरण जल्द से जल्द प्राप्त करने की जरूरत है।—विजय कुमार 

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