Edited By ,Updated: 28 Mar, 2024 04:59 AM
आज इंटरनैट के जमाने में हर चीज मोबाइल में उपलब्ध होने के कारण सोशल मीडिया का महत्व बहुत बढ़ गया है और लोग बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे जहां उपयोगी जानकारी मिलती है वहीं इस पर उपलब्ध गलत और आपत्तिजनक सामग्री बच्चों के लिए हानिकारक...
आज इंटरनैट के जमाने में हर चीज मोबाइल में उपलब्ध होने के कारण सोशल मीडिया का महत्व बहुत बढ़ गया है और लोग बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे जहां उपयोगी जानकारी मिलती है वहीं इस पर उपलब्ध गलत और आपत्तिजनक सामग्री बच्चों के लिए हानिकारक सिद्ध हो रही है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 99 प्रतिशत बच्चे मोबाइल की लत के शिकार हैं। स्कूल हो या घर, हर जगह बच्चे मोबाइल का इस्तेमाल करते रहते हैं। सोशल मीडिया का अत्यधिक इस्तेमाल बच्चों की मानसिक स्थिति पर बुरा असर डाल रहा है और बच्चों में नींद की कमी भी देखी गई है। यह बच्चों में डिप्रैशन, चिंता और तनाव उत्पन्न करने का कारण भी बन रहा है। सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर अधिक समय बिताने के कारण इंटरनैट की लत लगने से बच्चों की दिनचर्या प्रभावित हो रही है तथा माता-पिता के साथ उनकी दूरी एवं स्वभाव में ङ्क्षहसक प्रवृत्ति बढऩे के साथ-साथ एकाग्रता में कमी आ रही है।
इसी कारण अब अमरीका के फ्लोरिडा राज्य में नाबालिगों द्वारा सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी गई है। इसे अमरीका में उठाए गए सबसे बड़े सुधारात्मक कदमों में से एक माना जा रहा है। इसके अंतर्गत 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों के सोशल मीडिया खातों पर रोक रहेगी और सोशल मीडिया के इस्तेमाल के लिए उनके अभिभावकों की अनुमति आवश्यक होगी। उल्लेखनीय है कि इससे पहले ब्रिटेन के शिक्षा मंत्रालय ने गत मास छात्रों के व्यवहार और पढ़ाई पर एकाग्रता को बेहतर बनाने के उद्देश्य से स्कूलों में मोबाइल फोनों के इस्तेमाल पर पूर्ण रोक लगाने के निर्देश जारी करते हुए कहा था कि स्कूल में मोबाइल फोन पढ़ाई व अन्य गतिविधियों में बाधा बनते हैं।
इन नियमों के उल्लंघन पर संबंधित छात्र का मोबाइल फोन जब्त कर लेने तथा इस आदेश का पालन यकीनी बनाने के लिए अध्यापकों को बच्चों के बैग सख्तीपूर्वक जांचने का अधिकार भी दिया गया है। याद रहे कि फ्रांस सरकार पहले ही अपने देश में इस आशय का कानून लागू कर चुकी है। अमरीका, ब्रिटेन और फ्रांस सरकारों के ये निर्णय छात्रों के लिए हितकारी हैं। इनसे न सिर्फ वे अपनी पढ़ाई पर अधिक ध्यान दे सकेंगे, बल्कि मोबाइल फोन पर अश्लील सामग्री देखने से भी बच सकेंगे। भारत जैसे देशों में भी इन आदेशों को तुरंत लागू करने और उन पर अमल करवाने की जरूरत है, ताकि बच्चों को सोशल मीडिया के दुष्प्रभावों से बचाया जा सके।—विजय कुमार