Edited By Pardeep,Updated: 17 Dec, 2025 10:26 PM

ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
नेशनल डेस्कः ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में वे हिंदू (सनातन) और इस्लाम धर्म के बीच के मूल अंतर को समझाते नजर आ रहे हैं। यह वीडियो इंस्टाग्राम पर साझा किया गया है, जिसके बाद इसे लेकर सोशल मीडिया पर जमकर चर्चा और बहस शुरू हो गई है।
शंकराचार्य ने सार्वजनिक मंच से दिए अपने बयान में सनातन धर्म और इस्लाम की धार्मिक अवधारणाओं की तुलना की है। उन्होंने इस्लाम को “गोलबंद धर्म” बताया, जबकि सनातन धर्म को न्याय और कर्म पर आधारित परंपरा कहा।
शंकराचार्य ने क्या कहा?
जगद्गुरु शंकराचार्य ने अपने बयान की शुरुआत करते हुए कहा— “कोई भी मुसलमान हमारी बात सुनकर नाराज न हो, क्योंकि हम वही कह रहे हैं जो हमें सत्य लगता है।” उन्होंने आगे कहा कि इस्लाम धर्म में यह मान्यता है कि जो व्यक्ति इस्लाम को स्वीकार करता है, कलमा पढ़ता है और मुस्लिम आस्था के अनुसार जीवन जीता है तो कयामत के दिन पैगंबर मोहम्मद उसकी सिफारिश करेंगे और उसे जन्नत में स्थान मिलेगा, जहां वह सुख-सुविधाओं का आनंद उठाएगा।
“कलमा न पढ़ने वाला कितना भी ईमानदार हो, फिर भी...”
शंकराचार्य ने आगे कहा कि— “जो व्यक्ति कभी कलमा नहीं पढ़ता, चाहे वह कितना ही ईमानदार, सत्यवादी, संत या शंकराचार्य क्यों न हो, इस्लामी परिभाषा के अनुसार उसे जन्नत नहीं मिलेगी और उसे दोजख (नरक) में जाना पड़ेगा।” उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा— “अगर यह सोच गोलबंदी नहीं है, तो फिर और क्या है?”
सनातन धर्म की न्याय व्यवस्था का उदाहरण
जगद्गुरु शंकराचार्य ने सनातन धर्म की तुलना करते हुए कहा कि— सनातन धर्म में यमराज किसी का धर्म नहीं देखते। वे यह नहीं पूछते कि व्यक्ति हिंदू है, मुस्लिम है या किसी और धर्म का है। उन्होंने कहा “हमारे धर्म में यमराज केवल व्यक्ति के आचरण को देखते हैं। अगर आचरण अच्छा है तो अच्छा फल मिलता है और अगर आचरण बुरा है तो दंड भी वैसा ही मिलता है।” उन्होंने आगे स्पष्ट किया कि, “अगर कोई मुसलमान कलमा पढ़ने वाला व्यक्ति भी हमारे धर्म के अनुसार यमराज के सामने जाएगा, तो यमराज यह नहीं देखेंगे कि उसने कलमा पढ़ा है या नहीं। वे सिर्फ उसके कर्म और आचरण को देखेंगे।”
“हमारा धर्म न्याय का धर्म है”
शंकराचार्य ने अपने बयान में कहा— “केवल एक ईश्वर या पैगंबर में विश्वास कर लेना हमारे यहां पर्याप्त नहीं है। सनातन धर्म न्याय का धर्म है, जहां कर्म सर्वोपरि हैं।” उन्होंने कहा कि अच्छे कर्म करने वाले को स्वर्ग और सम्मान मिलेगा, जबकि बुरे कर्म करने वाले को सजा मिलेगी—चाहे वह किसी भी धर्म का क्यों न हो।
सोशल मीडिया पर मचा बवाल
यह वीडियो जगद्गुरु शंकराचार्य के आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट ‘shri jyotirmath’ से मंगलवार को पोस्ट किया गया था।
अब तक इस वीडियो पर—
कई यूजर्स शंकराचार्य की बातों से सहमति जताते नजर आए, जबकि बड़ी संख्या में लोगों ने इस बयान का विरोध भी किया।
मुस्लिम यूजर्स ने जताई आपत्ति
वीडियो पर कुछ मुस्लिम यूजर्स ने आपत्ति दर्ज कराई। एक यूजर ने लिखा— “बाबा जी, आपने हमारे धर्म को ठीक से समझा ही नहीं है।” एक अन्य यूजर ने टिप्पणी की— “आप अपना धर्म अपने पास रखें, हम अपना धर्म अपने पास रखते हैं। आप अपने खुदा में खुश रहें और हम अपने खुदा में।”
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। यहां यह बताना जरूरी है कि पंजाब केसरी किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।