भारत-मध्य पूर्व-यूरोप मैगा आर्थिक कोरिडोर सभ्यताओं और महाद्वीपों के बीच एक हरित और डिजिटल सेतु

Edited By ,Updated: 11 Sep, 2023 04:43 AM

india middle east europe megaeconomic corridor digital bridge between continents

जी-20 शिखर सम्मेलन के पहले दिन शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत, मध्य पूर्व और यूरोप के एक मैगा इकोनॉमिक कोरिडोर का ऐलान किया। इस प्रोजैक्ट में भारत, यू.ए.ई., सऊदी अरब, यूरोपीय यूनियन (ई.यू.), फ्रांस, इटली, जर्मनी और अमरीका शामिल होंगे।

जी-20 शिखर सम्मेलन के पहले दिन शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत, मध्य पूर्व और यूरोप के एक मैगा इकोनॉमिक कोरिडोर का ऐलान किया। इस प्रोजैक्ट में भारत, यू.ए.ई., सऊदी अरब, यूरोपीय यूनियन (ई.यू.), फ्रांस, इटली, जर्मनी और अमरीका शामिल होंगे। पी.एम. मोदी ने इसे ऐतिहासिक सांझेदारी बताते हुए कहा कि आने वाले समय में भारत पश्चिम एशिया और यूरोप के बीच आर्थिक सहयोग का एक बड़ा माध्यम होगा। इस कोरिडोर से दुनिया की कनैक्टीविटी को एक नई दिशा मिलेगी। 

प्रस्तावित गलियारा (कोरिडोर) भारत से संयुक्त अरब अमीरात तक अरब सागर में फैला होगा, फिर यूरोप से जुडऩे से पहले सऊदी अरब, जोर्डन और इसराइल पार करेगा। इस परियोजना के तहत समुद्र के नीचे केबल और ऊर्जा परिवहन बुनियादी ढांचा भी शामिल होगा। अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि गलियारे में शामिल देशों के लिए यह परियोजना अनंत अवसर प्रदान करेगी। इससे व्यापार करना तथा स्वच्छ ऊर्जा निर्यात करना आसान बन जाएगा। यह किसी ऐतिहासिक क्षण से कम नहीं है। 

भारत-मिडल ईस्ट-यूरोप शिपिंग और रेलवे कनैक्टिीविटी कोरिडोर की योजना को एक बड़ी बात करार देते हुए अमरीकी राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि अगले दशक में भागीदार देश निम्न-मध्यम आय वाले देशों में बुनियादी ढांचे की कमी को दूर करेंगे। इस योजना में शामिल सभी 9 देशों के प्रमुखों तथा प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद कहते हुए बाइडेन ने कहा कि एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य यही इस जी-20 शिखर सम्मेलन का फोकस है। क्षेत्र में चीन के आर्थिक दबदबे को चुनौती देते हुए अमरीका और यूरोपीय संघ ने भारत को मध्य पूर्व और भू-मध्य सागर से जोडऩे वाले एक नए जहाज और रेल गलियारे के विकास का समर्थन किया है। निश्चित तौर पर इस प्रोजैक्ट को महाद्वीपों और सभ्यताओं के बीच एक ग्रीन और डिजिटल पुल माना जा रहा है। 

यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेेन ने परियोजना के शुभारंभ पर कहा, ‘‘यह महाद्वीपों और सभ्यताओं के बीच एक हरित और डिजिटल सेतु है।’’ रेल से भारत और यूरोप के बीच व्यापार 40 प्रतिशत तेज हो जाएगा। भारत मिडल ईस्ट-यूरोप आर्थिक गलियारे का उद्देश्य मध्य पूर्व के देशों को रेलवे से जोडऩा और उन्हें बंदरगाह के माध्यम से भारत से जोडऩा है जिससे शिपिंग समय, लागत और ईंधन के इस्तेमाल में कटौती करके खाड़ी से यूरोप तक ऊर्जा और ट्रेड में मदद मिलेगी। इस प्रोजैक्ट में 2 अलग-अलग कोरिडोर शामिल होंगे। जहां एक ओर पूर्वी कोरिडोर भारत को खाड़ी देशों से जोड़ेगा वहीं उत्तरी कोरिडोर खाड़ी क्षेत्र को यूरोप से जोड़ेगा। चीन  के बैल्ट एंड रोड इनिशेएटिव (बी.आर.आई.) प्रोजैक्ट की तर्ज पर ही इसे एक महत्वाकांक्षी योजना माना जा रहा है। 

जहां तक भारत का सवाल है तो ये क्षेत्रीय सीमाओं को नहीं मापता। सभी क्षेत्रों के साथ-साथ कनैक्टिीविटी भारत की मुख्य प्राथमिकता है। कनैक्टिीविटी विभिन्न देशों के बीच आपसी व्यापार नहीं बल्कि आपसी विश्वास भी बढ़ाने का स्रोत है। आज जब हम कनैक्टिीविटी की इतनी बडी पहल कर रहे हैं तब हम आने वाली पीढिय़ों के सपनों के विस्तार के बीज बो रहे हैं। यह घटनाक्रम एक महत्वपूर्ण समय पर हुआ है क्योंकि जी-20 सांझेदारों में शामिल विकासशील देशों के लिए वाशिंगटन को एक वैकल्पिक सांझेदार और निवेशक के रूप में पेश किया जा रहा है। अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन वैश्विक बुनियादी ढांचे को लेकर चीन की बैल्ट एंड रोड पहल का मुकाबला करना चाहते हैं। अमरीका की नजर में यह समझौता पूरे क्षेत्र में व्याप्त तनाव के तापमान को कम करेगा और टकराव से निपटने में मदद मिलेगी। 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!