‘आर्थिक कंगाली से जूझ रहे’‘पाकिस्तान से मिल रहे अच्छे संकेत’

Edited By ,Updated: 21 Apr, 2024 05:07 AM

struggling with economic poverty  good signals are coming from pakistan

पाकिस्तान द्वारा 14 फरवरी, 2019 के पुलवामा हमले, जिसमें 40 भारतीय जवान शहीद हो गए थे, के बाद भारत और पाकिस्तान के संबंध निम्न स्तर पर पहुंच गए। तभी से दोनों देशों में ‘बातचीत’ बंद है और व्यापार लगभग ठप्प है।

पाकिस्तान द्वारा 14 फरवरी, 2019 के पुलवामा हमले, जिसमें 40 भारतीय जवान शहीद हो गए थे, के बाद भारत और पाकिस्तान के संबंध निम्न स्तर पर पहुंच गए। तभी से दोनों देशों में ‘बातचीत’ बंद है और व्यापार लगभग ठप्प है। फिलहाल कई समस्याओं का सामना कर रहे पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने जहां 4 मार्च, 2024 को सत्ता संभालते ही अपने भाषण में भारत सहित सभी पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंध कायम करने की बात कही, वहीं उनके द्वारा अपनी सरकार में कश्मीर मूल के भारत समर्थक अर्थशास्त्री इसहाक डार (73) को विदेश मंत्री नियुक्त करने को इसी संदर्भ में देखा गया। इसहाक डार हमेशा भारत के साथ आर्थिक और व्यापारिक सम्बन्धों की बहाली के पक्ष में रहे हैं तथा 23 मार्च, 2024 को उन्होंने कहा कि ‘‘पाकिस्तान का व्यापारिक समुदाय भारत के साथ व्यापार बहाल करना चाहता है।’’ 

इसके 10 दिन बाद 2 अप्रैल, 2024 को पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भी कहा कि ‘‘भारत में लोकसभा के चुनाव सम्पन्न होने के बाद दोनों देशों के रिश्ते सुधर सकते हैं।’’ इस बीच देश के तीन बार प्रधानमंत्री रहे नवाज शरीफ की बेटी और वर्तमान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की भतीजी तथा पाकिस्तान के हिस्से वाले पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने जहां अपने मंत्रिमंडल में एक पंजाबी रमेश सिंह अरोड़ा को अल्पसंख्यक मामलों का कैबिनेट मंत्री नियुक्त किया है, वहीं उन्होंने राज्य के स्कूलों में पंजाबी पढ़ाने की घोषणा भी की है। यही नहीं, इस बार पाकिस्तान में बैसाखी का समारोह पहली बार सरकारी स्तर पर मनाया गया और करतारपुर साहिब पहुंचे सिख तीर्थयात्रियों, जिनमें ज्यादातर भारत से थे, के एक समूह से भी 18 अप्रैल, 2024 को मरियम नवाज ने भेंट करके उनके साथ लंगर ग्रहण किया। 

इस अवसर पर उन्होंने स्वयं को ‘पक्की पंजाबन’ बताते हुए अपने पिता और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के पुराने बयानों के हवाले से कहा‘‘ यह मेरा पंजाब है और हम होली तथा बैसाखी जैसे सभी त्यौहार एक साथ मनाते हैं। हमें अपने पड़ोसियों से लडऩा नहीं चाहिए। हमें उनके लिए अपने दिल खोलने की जरूरत है।’’ उन्होंने कहा कि,‘‘जब मैं मुख्यमंत्री बनी तो मुझे भारत और वहां के पंजाब प्रांत से बधाई संदेश भी मिले जिससे मुझे लगा कि दोनों देशों के बीच कोई सीमा नहीं है।’’  उर्दू और पंजाबी में दिए अपने 10 मिनट के भाषण में उन्होंने भारत और पाकिस्तान के लोगों के बीच एक जुड़ाव होने की बात भी कही। विशेषकर उन्होंने दोनों देशों के पंजाब प्रांतों के आपसी रिश्तों का उल्लेख किया और करतारपुर साहिब के आसपास के इलाके के विकास पर जोर दिया। 

भारत-पाकिस्तान संबंधों पर नजर रखने वाले पोलिटिकल आब्जर्वर मरियम नवाज के इस बयान को भारत के साथ रिश्ते सुधारने की पाकिस्तान की इच्छा के रूप में देख रहे हैं। आशा करनी चाहिए कि पाकिस्तानी नेताओं की सोच में दिखाई देतेे सकारात्मक बदलाव से आर्थिक स्थिति के साथ-साथ भारत के साथ इसके संबंधों में सुधारों की शुरूआत होगी जिससे भारत से ज्यादा पाकिस्तान को ही लाभ होगा। भारत से सम्बन्ध बिगाडऩे का ज्यादा खमियाजा भी पाकिस्तान को ही भुगतना पड़ रहा है क्योंकि अतीत में जो वस्तुएं भारत से बहुत कम मूल्य पर आयात कर रहा था, वही अब उसे दूसरे देशों से महंगे भावों पर खरीदनी पड़ रही हैं। 

इसी सिलसिले में फरवरी, 2024 में भारत की वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने लोकसभा में बताया था कि पाकिस्तान अन्य एशियाई देशों के जरिए भारत से व्यापार कर रहा है। अत: भारत के साथ सम्बन्ध सुधारने और व्यापार की बहाली से न सिर्फ महंगाई से जूझ रही पाकिस्तान की जनता को कुछ राहत मिलेगी बल्कि दोनों देश मिल कर स्वयं को दरपेश सांझी समस्याओं, आतंकवाद आदि से भी प्रभावशाली ढंग से निपट सकेंगे जो दोनों ही देशों के लिए अच्छा होगा।—विजय कुमार

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