‘दलबदली’ और ‘मुफ्त की रेवडिय़ों’ बारे श्री वेंकैया नायडू की ‘बेबाक टिप्पणियां’

Edited By ,Updated: 25 Apr, 2024 04:51 AM

shri venkaiah naidu s  outspoken comments  about  defection  and  freebies

वरिष्ठ भाजपा नेता एम. वेंकैया नायडू का झुकाव बचपन से ही राजनीति की ओर था। वह पहली बार 1973 में एक छात्र नेता के रूप में ए.बी.वी.पी. में शामिल होने के बाद छात्र नेता, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, केंद्र सरकार में मंत्री से लेकर उपराष्ट्रपति के पद तक...

वरिष्ठ भाजपा नेता एम. वेंकैया नायडू का झुकाव बचपन से ही राजनीति की ओर था। वह पहली बार 1973 में एक छात्र नेता के रूप में ए.बी.वी.पी. में शामिल होने के बाद छात्र नेता, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, केंद्र सरकार में मंत्री से लेकर उपराष्ट्रपति के पद तक पहुंचे। 23 अप्रैल को ‘पद्म विभूषण’ से सम्मानित श्री एम. वेंकैया नायडू के साथ कभी किसी प्रकार का कोई विवाद नहीं जुड़ा तथा वह सामाजिक सरोकार से जुड़े कार्यों में शुरू से ही हिस्सा लेते रहे। इन दिनों जब देश में लोकसभा चुनावों के दौरान दल-बदल व राजनीतिक दलों द्वारा मतदाताओं को विभिन्न  प्रलोभन (मुफ्त की रेवडिय़ां) देने का सिलसिला जोरों पर है, श्री नायडू ने 23 अप्रैल को अपने निवास स्थान पर आयोजित समारोह में बोलते हुए उक्त दोनों ही मुद्दों पर बेबाक टिप्पणियां कीं। 

दल-बदल विरोधी कानून को मजबूत बनाने की जरूरत पर बल देते हुए उन्होंने चुनावों में टिकटों के लिए एक पार्टी से दूसरी पार्टी में कूद जाने और पार्टी का टिकट मिलते ही नए नेता का गुणगान तथा पुराने नेता का अपमान शुरू कर देने वालों की आलोचना की और कहा : 

‘‘सुबह के समय आप एक पार्टी में होते हैं, दोपहर को किसी दूसरी पार्टी में चले जाते हैं और अगले दिन आपको चुनाव लडऩे के लिए टिकट मिलते ही आप अपने नए नेता का गुणगान करना और पुराने नेता को अपशब्द बोलना शुरू कर देते हैं। यह एक नया परेशान करने वाला रुझान है।’’ ‘‘लोकतंत्र में दल बदलने की अनुमति है परंतु लोगों को इससे बचना तथा (अपने मूल) दलों में काम करके अपनी साख साबित करनी चाहिए। यदि कोई व्यक्ति पार्टी बदलना चाहता है तो उसे पुरानी पार्टी द्वारा दिए गए सब पदों से त्यागपत्र देनेे के बाद ही दूसरी पार्टी में शामिल होना चाहिए।’’ 

पांच दशक से एक ही पार्टी के साथ जुड़े श्री वेंकैया नायडू ने बलपूर्वक यह बात कही कि ‘‘दल-बदली विरोधी कानून को मजबूत किया जाना चाहिए।  आरोप लगाने की बात तो समझ में आती है परंतु अपने पहले नेता के प्रति अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि वह किसी विशेष पार्टी का उल्लेख नहीं कर रहे। यहीं पर बस नहीं, श्री वेंकैया नायडू ने चुनावों में विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा मुफ्त के उपहारों और प्रलोभनों के वायदों पर भी टिप्पणी की है। इसे एक हानिकारक रुझान करार देते हुए उन्होंने कहा : 

‘‘राज्यों पर लाखों करोड़ों रुपए का बोझ होने के बावजूद नेतागण सब कुछ मुफ्त में देने का वायदा कर रहे हैं। अपने घोषणा पत्रों में राजनीतिक दलों को बताना चाहिए कि वे इधर-उधर की जिन योजनाओं की घोषणा कर रहे हैं, उन्हें लागू करने के लिए धन कहां से आएगा? वे इसकी व्यवस्था किस प्रकार करेंगे?’’ उन्होंने कहा कि ‘‘मैं ‘फ्रीबीज’ (मुफ्त की रेवडिय़ां) देने के विरुद्ध हूं। मेरा मानना है कि केवल स्वास्थ्य और शिक्षा मुफ्त होनी चाहिए, बाकी सब ‘फ्रीबीज’ को हतोत्साहित किया जाना चाहिए। राजनीतिक दलों को अपने राज्य की वित्तीय स्थिति के अनुरूप ही योजनाएं लानी चाहिएं। आखिर हर चीज मुफ्त कैसे दी जा सकती है? पैसे पेड़ों पर नहीं उगते। लोगों को भी बड़े-बड़े वायदों को लेकर संबंधित दलों के नेताओं से सवाल करने चाहिएं।’’ अश्लील भाषा का इस्तेमाल करने वाले और खुले तौर पर भ्रष्टïाचार के लिए चॢचत उम्मीदवारों को अस्वीकार करने की सलाह भी श्री नायडू ने दी है। 

इसके साथ ही उन्होंने भगवान राम का भी उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘राम हमारे देश की संस्कृति हैं और वह धार्मिक व्यक्ति नहीं हैं। वह एक मानव के रूप में, महान शासक के रूप में, महान पिता और पुत्र के रूप में आदर्श हैं। वह मर्यादा पुरुषोत्तम हैं। उनका संदेश है कि लोगों को सार्वजनिक जीवन में रुचि लेनी चाहिए न कि केवल राजनीति में।’’ श्री एम. वेंकैया नायडू के उक्त विचार किसी टिप्पणी के मोहताज नहीं हैं। सभी दलों के नेताओं को इनका संज्ञान लेकर इस पर अमल करना चाहिए और इसके साथ ही केंद्र सरकार को भी चाहिए कि वह श्री नायडू के विचारों का संज्ञान लेकर दल-बदल कानून को कठोर बनाने तथा मुफ्त के उपहारों की संस्कृति पर रोक लगाने की दिशा में प्रयास करे।—विजय कुमार 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!