Edited By ,Updated: 08 Aug, 2023 05:10 AM
मणिपुर के ‘मैतेई’ समुदाय को जनजाति के रूप में मान्यता देने के विरुद्ध ‘आल ट्राइबल स्टूडैंट्स यूनियन मणिपुर’ द्वारा 3 मई को ‘आदिवासी एकता मार्च’ निकालने के दौरान भड़की हिंसा 96 दिनों बाद भी जारी है और इस दौरान कम से कम 160 से अधिक लोग मारे जा चुके...
मणिपुर के ‘मैतेई’ समुदाय को जनजाति के रूप में मान्यता देने के विरुद्ध ‘आल ट्राइबल स्टूडैंट्स यूनियन मणिपुर’ द्वारा 3 मई को ‘आदिवासी एकता मार्च’ निकालने के दौरान भड़की हिंसा 96 दिनों बाद भी जारी है और इस दौरान कम से कम 160 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।
* 1 अगस्त को सुप्रीमकोर्ट ने मणिपुर में राज्य पुलिस द्वारा ङ्क्षहसा के मामलों की जांच को सुस्त और बहुत ही लचर करार देते हुए कहा कि ‘‘वहां कानून व्यवस्था एवं संवैधानिक मशीनरी पूरी तरह ध्वस्त हो गई है।’’
* 1 अगस्त को ही राजधानी इंफाल में लगी भीषण आग के परिणामस्वरूप 17 मकान जल कर राख हो गए, जिसके लिए स्थानीय लोगों ने ‘कुकी’ समुदाय के लोगों को जिम्मेदार ठहराया।
* 2 अगस्त को विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नैशनल डिवैल्पमैंटल इनक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दलों ने मणिपुर के दौरे के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भेंट करके कहा कि राज्य में शांति बहाली के लिए प्रधानमंत्री को मणिपुर का दौरा करना चाहिए।
* 3 अगस्त को बिष्णुपुर जिले के कांगवाई और ‘फोउगाकचाओ’ इलाकों में झड़पों के बाद सेना व ‘रैपिड एक्शन फोर्स’ के जवानों ने उपद्रवियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े, जिससे 17 लोग घायल हो गए तथा इम्फाल पूर्व और पश्चिम के इलाकों में कफ्र्यू में दी गई ढील वापस ले ली गई।
* 4 अगस्त को मणिपुर में भीड़ ने बिष्णुपुर जिले के ‘नारानसीना’ स्थित ‘द्वितीय इंडिया रिजर्व बटालियन’ के मुख्यालय में घुसकर विभिन्न बंदूकों की 19,000 से अधिक गोलियां, ए.के. सीरीज़ की एक असॉल्ट राइफल, 3 ‘घातक’ राइफलें, 195 सैल्फ-लोडिंग राइफलें, 5 एम.पी.-4 बंदूकें, 16.9 एम.एम. की पिस्तौल, 25 बुलेटप्रूफ जैकेटें, 21 कार्बाइनें, 124 हथगोलों सहित अन्य हथियार लूट लिए।
* 4 अगस्त को ही रात को बिष्णुपुर जिले के ‘क्वाकटा’ इलाके में उग्रवादियों ने ‘मैतेई’ समुदाय से संबंधित पिता-पुत्र सहित 3 लोगों की रात को सोते समय हत्या करने के अलावा ‘कुकी’ समुदाय के कई घरों में आग लगा दी।
* 5 अगस्त को पूर्वी इंफाल के ‘चेकोण’ इलाके में एक बड़े व्यावसायिक प्रतिष्ठान को आग लगा दी गई जो आसपास के 3 घरों में फैल गई।
* 6 अगस्त को मणिपुर पश्चिम जिले में आक्रोशित भीड़ ने 15 मकानों को आग लगा दी। सड़कों पर उतरी भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षा बलों को आंसू गैस के गोले छोडऩे पड़े तथा गोली लगने से एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया।
राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार की गठबंधन सहयोगी पार्टी ‘कुकी पीपुल्स अलायंस’ ने राज्य की बीरेन सिंह सरकार से समर्थन वापस लेने की घोषणा कर दी है। राज्य में जारी हिंसा के विरुद्ध सभी दलों से संबंधित अधिकांश कुकी विधायकों द्वारा 21 अगस्त से बुलाए जाने वाले विधानसभा के अधिवेशन का बहिष्कार करने की संभावना व्यक्त की जा रही है। राज्य में शांति बहाली का रास्ता लगातार कठिन हो रहा है। इम्फाल को जाने वाले सभी रास्ते ‘मैतेई’ महिलाओं के संगठन ‘मेइरा पाइबी’ ने रोक दिए हैं और महिलाएं यहां आने वाले सेना तथा केंद्रीय बलों के वाहन घेर कर सैनिकों के आई.कार्ड जांच रही हैं।
इस राज्य में प्रत्येक 80 लोगों पर एक सुरक्षा कर्मी तैनात होने का दावा किया जा रहा है तथा यहां असम राइफल्स, बी.एस.एफ., सी.आर.पी.एफ., एस.एस.बी. तथा आई.टी.बी.पी. के 40,000 से अधिक जवान और अधिकारी तैनात किए जाने के बावजूद हिंसा नहीं रुक रही, जबकि केंद्रीय सुरक्षा बलों की 10 नई कम्पनियां भी यहां भेजी गई हैं। हालांकि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दावा किया है कि भारतीय सेना हर आपात स्थिति से निपटने में सक्षम है और चीन तथा पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा है कि भारत अब पहले जैसा नहीं रहा, परंतु मणिपुर जैसे छोटे राज्य में स्थिति पर काबू पाने में अभी तक सुरक्षा बल विफल सिद्ध हुए हैं।
इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने प्रभावित लोगों के राहत और पुनर्वास कार्यों की निगरानी के लिए विभिन्न उच्च न्यायालयों की 3 पूर्व महिला न्यायाधीशों की एक समिति गठित करने के अलावा ङ्क्षहसा के सभी मामलों की जांच सी.बी.आई. को स्थानांतरित कर दी है जबकि एस.आई.टी. 42 ऐसे मामलों को देखेगी जो सी.बी.आई. को हस्तांतरित नहीं किए गए हैं। सामरिक रूप से संवेदनशील देश के इस महत्वपूर्ण राज्य में ङ्क्षहसा का लगातार जारी रहना चिंताजनक है। इससे राज्य के साथ-साथ देश की सुरक्षा के लिए खतरा होने के अलावा समाज में तनाव और दुर्भावना पैदा हो रही है, जिसके दूसरे राज्यों में भी फैलने का खतरा है।—विजय कुमार