Edited By Akash sikarwar,Updated: 16 Dec, 2021 08:40 PM
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अगले छह वर्षों में सेमीकंडक्टर प्रोडक्शन के लिए 76,000 करोड़ रुपये से अधिक की प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव योजना (PLI) को मंजूरी दी है। ये मंजूरी ऐसे समय में आई है जब देश की ऑटो कंपनियां ग्लोबली सेमीकंडक्टर की गंभीर कमी झेल रही...
ऑटो डेस्क। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अगले छह वर्षों में सेमीकंडक्टर प्रोडक्शन के लिए 76,000 करोड़ रुपये से अधिक की प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव योजना (PLI) को मंजूरी दी है। ये मंजूरी ऐसे समय में आई है जब देश की ऑटो कंपनियां ग्लोबली सेमीकंडक्टर की गंभीर कमी झेल रही हैं। इसने कई ओईएम को प्रोडक्शन में कटौती करने के लिए मजबूर किया है, खासकर पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में इसकी कमी से ज्यादा परेशानी हुई हैं।
दूरसंचार और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक न्यूज ब्रीफिंग के दौरान बताया कि इस योजना से सेमीकंडक्टर डिजाइन सर्किट और चिपसेट के क्षेत्र में 100 से अधिक स्थानीय कंपनियों को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा इसे एक पूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए 85,000 से अधिक सेमीकंडक्टर इंजीनियरों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। फॉक्सकॉन, टॉवर सेमीकंडक्टर और टाटा समूह सहित कुछ प्रमुख वैश्विक और भारतीय कंपनियों ने भारत में सेमीकंडक्टर संयंत्र स्थापित करने में गहरी रुचि दिखाई है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (एमईआईटीवाई) की एक कार्यकारी समिति ने इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स और सेमीकंडक्टर के निर्माण के लिए प्राप्त 34 एप्लीकेशन्स में से 13 की सिफारिश की है। PICL, Hical Technologies, IFB Industries, Tata Electronics, Salcomp Technologies, Continental Device, Panacea Medical Technologies, Deki Electronics और Tibrewala Electronic यह कुछ प्रमुख घरेलू और ग्लोबल कंपनियों में से हैं, जिनके नाम की सिफारिश की गई है। इस योजना के जरिए सरकार 1.35 लाख लोगों को रोजगार भी देगी।