कश्मीर में केन्द्र सरकार की एडवाइजरी

Edited By ,Updated: 05 Aug, 2019 02:45 AM

central government advisory in kashmir

केन्द्र सरकार की ओर सेे शुक्रवार को जारी की गई एडवाइजरी के बाद अधिकतर पर्यटक और अमरनाथ यात्री घाटी छोड़ चुके हैं। अधिकतर पर्यटक और यात्री एयरफोर्स एयरक्राफ्ट, कमॢशयल उड़ानों तथा जम्मू-कश्मीर राज्य पथ परिवहन निगम की बसों के माध्यम से घाटी से बाहर...

केन्द्र सरकार की ओर सेे शुक्रवार को जारी की गई एडवाइजरी के बाद अधिकतर पर्यटक और अमरनाथ यात्री घाटी छोड़ चुके हैं। अधिकतर पर्यटक और यात्री एयरफोर्स एयरक्राफ्ट, कमर्शियल उड़ानों तथा जम्मू-कश्मीर राज्य पथ परिवहन निगम की बसों के माध्यम से घाटी से बाहर निकले। जो लोग हवाई जहाज की टिकट खरीद सकते थे वे हवाई जहाज से जबकि जो नहीं खरीद सकते थे उन्हें एयरफोर्स के विमान से भेजा गया तथा बहुत से लोग बस के माध्यम से घाटी से बाहर निकले। नैशनल इंस्टीच्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी श्रीनगर के बाहरी राज्यों से संबंधित लगभग 1400 विद्यार्थियों को प्रबंधन द्वारा हायर की गई विशेष बसों द्वारा भेजा गया। लगभग 3,42,000 लोगों ने अमरनाथ यात्रा की। 

यह यात्रा 15 अगस्त को समाप्त होनी थी। पूर्व मुख्यमंत्री तथा नैशनल कांफ्रैंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल ने उन्हें आश्वस्त किया है कि धारा 370 और 35-ए को नहीं हटाया जाएगा। यह एडवाइजरी सुरक्षा बलों द्वारा पाकिस्तान निर्मित बारूदी सुरंग और बड़े स्तर पर हथियारों की बरामदगी तथा अमरनाथ यात्रा के रास्ते के किनारे अमरीका निर्मित एम-24 स्नाइपर राइफल  मिलने के बाद जारी की गई है। 

तीन तलाक बिल के दौरान विपक्षी सांसदों की अनुपस्थिति
राज्यसभा में तीन तलाक बिल पास किए जाने के दौरान विपक्षी सांसदों की बड़े पैमाने पर गैरहाजिरी भाजपा तथा ए.आई.ए.डी.एम.के और जद (यू) सुप्रीमो के बीच हुई गुप्त मंत्रणा  का परिणाम थी। यही कारण था कि इन दलों के सांसदों ने संसद से वाकआऊट किया। भाजपा ने बीजद को वायदा किया था कि वह उड़ीसा में ऊपरी सदन की स्थापना में मदद करेगी तथा राज्य में बाढ़ और सूखे से हुए नुक्सान के लिए राशि स्वीकृत करेगी। इसके परिणामस्वरूप बीजद ने बिल का समर्थन किया। लेकिन बसपा, टी.डी.पी. तथा टी.आर.एस. ने बिल का विरोध करने में कोई विशेष उत्साह नहीं दिखाया क्योंकि उन्हें केन्द्र सरकार की एजैंसियों का डर था।

लेकिन समाजवादी पार्टी के 12 में से 6 और टी.डी.पी. के 2 सांसद इसलिए गैरहाजिर रहे क्योंकि भाजपा ने उनसे व्यक्तिगत तौर पर सीधे सम्पर्क साध रखा था। वास्तव में भाजपा, कांग्रेस तथा तृणमूल कांग्रेस के अलावा अन्य किसी भी दल ने व्हिप जारी नहीं किया था। कांग्रेस के संजय सिंह ने  मतदान वाले दिन पार्टी छोड़ दी तथा कांग्रेस के 4 सांसदों की गैरहाजिरी भी पार्टी के लिए असमंजस में डालने वाली थी और अब कई अन्य सांसद भी संजय सिंह के रास्ते पर जा सकते हैं।

दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष के लिए दौड़
कांग्रेस कार्य समिति (सी.डब्ल्यू. सी.) ने अभी तक नए पार्टी अध्यक्ष का चुनाव नहीं किया है जबकि बहुत से राज्यों में कार्यकत्र्ताओं और नेताओं के बीच अंतर्कलह बढ़ रही है। दिल्ली में शीला दीक्षित के निधन के बाद पार्टी अभी तक नए प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव नहीं कर पाई है। इस पद के लिए अजय माकन, संदीप दीक्षित, जयप्रकाश अग्रवाल, अरविंद्र सिंह लवली, हारून यूसुफ, देवेंद्र यादव तथा सुभाष चोपड़ा के नाम चर्चा में हैं। लेकिन ऐसा लगता है कि यहां अंतर्कलह इतनी ज्यादा है कि पार्टी किसी सर्वसम्मत उम्मीदवार का चुनाव नहीं कर पा रही है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार अब हाईकमान ने फैसला किया है कि दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दिल्ली के बाहर से नियुक्त किया जाए। इस संबंध में शत्रुघ्न सिन्हा और नवजोत सिंह सिद्धू का नाम सबसे आगे है। इसी प्रकार झारखंड में भी अंतर्कलह पार्टी के लिए सिरदर्द बनी हुई है जहां प्रदेश अध्यक्ष डा. अजय कुमार तथा झारखंड के प्रभारी महासचिव आर.पी.एन. सिंह में भारी मतभेद हैं जिसके कारण यहां पार्टी 2 गुटों में बंट गई है। बहुत से राज्यों में कांग्रेस नेता नए कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव का इंतजार कर रहे हैं। 

ममता का फीडबैक अभियान
लोकसभा चुनाव के बाद अब ममता बनर्जी ने आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए ममता ने एक वैबसाइट और हैल्पलाइन नम्बर लांच किया है ताकि लोगों की समस्याओं का निपटारा करने के साथ-साथ प्रदेश के आम आदमी से सीधा सम्पर्क साधा जा सके। वह इस संबंध में राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर की भी सहायता ले रहे हैं जिन्होंने ममता को पार्टी के आधुनिकीकरण की सलाह दी है। अब ममता ने अपने 1000 नेताओं और कार्यकत्र्ताओं को आदेश दिया है कि वे गांवों में जाएं और वहां रह कर लोगों की समस्याओं को सुलझाएं तथा पिछले 8 वर्षों में सरकार द्वारा किए गए कामकाज की फीडबैक हासिल करें। इसके अलावा लोग ममता के साथ हैल्पलाइन और वैबसाइट के माध्यम से भी सम्पर्क कर सकते हैं। यह अभियान पश्चिम बंगाल के सभी 10,000 गांवों में चलाया जाएगा। ऐसा पार्टी की बेहतर छवि बनाने के लिए किया जा रहा है जो पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान धूमिल हो गई थी। 

राजस्थान में नए भाजपा अध्यक्ष की तलाश 
राजस्थान के पूर्व भाजपाध्यक्ष मदन लाल सैनी के निधन के बाद यह पद अभी तक खाली पड़ा है तथा इसके लिए बहुत से भाजपा नेता दौड़ में हैं। लेकिन आर.एस.एस. के दबाव के कारण हाईकमान अभी तक किसी उपयुक्त नेता का चुनाव नहीं कर पाई है। इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया इस समय विदेश में हैं और उनकी गैरहाजिरी में राज्य वद्र्धन सिंह राठौर स्वाभाविक पसंद हो सकते हैं क्योंकि उन्हें केन्द्र में मंत्री नहीं बनाया गया है। लेकिन आर.एस.एस. ने सतीश पूनिया, मदन दिलावर तथा वासुदेव देवनानी के नाम सुझाए हैं। ये सभी लोग विधायक हैं और उनकी पृष्ठभूमि आर.एस.एस. की है तथा संगठन में उनका काफी अनुभव है। पार्टी सूत्रों के अनुसार भाजपा हाईकमान किसी जाट या ब्राह्मण को प्रदेशाध्यक्ष बनाना चाहती है। इसके लिए चित्तौडग़ढ़ से सांसद चंद्रप्रकाश जोशी (ब्राह्मण) तथा जाट सतीश पूनिया के नाम चर्चा में हैं। लेकिन अरुण चतुर्वेदी भी इस पद की दौड़ में शामिल हैं। हाईकमान आर.एस.एस. नेताओं से विचार-विमर्श के बाद शीघ्र ही इस संबंध में फैसला ले सकती है।-राहिल नोरा चोपड़ा

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