‘हांगकांग में चीन ब्रिटिश पासपोर्ट को नहीं देगा मान्यता’

Edited By ,Updated: 04 Feb, 2021 05:13 AM

china will not accept british passport in hong kong

चीन और हांगकांग में बढ़ते तनाव के मद्देनजर ब्रिटेन ने हांगकांग के लोगों के लिए, जिनके पास ब्रिटिश नैशनल ओवरसीज पासपोर्ट है उन्हें ब्रिटेन में आने का न्यौता दिया है, इसे देखकर चीन बुरी तरह से चिढ़ गया है। बीजिंग ने घोषणा की है कि वह रविवार से ब्रिटिश...

चीन और हांगकांग में बढ़ते तनाव के मद्देनजर ब्रिटेन ने हांगकांग के लोगों के लिए, जिनके पास ब्रिटिश नैशनल ओवरसीज पासपोर्ट है उन्हें ब्रिटेन में आने का न्यौता दिया है, इसे देखकर चीन बुरी तरह से चिढ़ गया है। बीजिंग ने घोषणा की है कि वह रविवार से ब्रिटिश नैशनल (ओवरसीज) पासपोर्ट को यात्रा और पहचान दस्तावेजों के रूप में मान्यता देना बंद कर देगा और उसे 54 लाख हांगकांग वासियों को ब्रिटेन की नागरिकता की पेशकश के खिलाफ़ बदले की कार्रवाई की चेतावनी दी है। इस बात की घोषणा चीन के विदेश विभाग के प्रवक्ता त्साओ लीचियान ने एक संवाददाता सम्मेलन में कही। 

चीन का यह प्रतिक्रियावादी बयान ब्रिटिश प्रशासन द्वारा ब्रिटिश नैशनल ओवरसीज वीजा के बारे में जानकारी देने के कुछ ही घंटों में सामने आ गया, इससे पता चलता है कि बीजिंग ब्रिटेन की इस उद्घोषणा से कितना भन्नाया हुआ है। साथ ही ब्रिटिश प्रशासन ने वीजा के लिए प्रार्थनापत्र की प्रक्रिया रविवार शाम पांच बजे से जारी करने की भी घोषणा कर दी है। त्साओ ने अपनी प्रैस विज्ञप्ति में यहां तक कह डाला कि लगता है कि ब्रिटेन इस तथ्य को भूल गया है कि 24 वर्ष पहले हांगकांग चीन को सौंपा जा चुका है और अगर ब्रिटेन बीएन (ओ) वीजा प्रक्रिया को लागू करता है तो बीजिंग इसका कड़ा विरोध करता है और इससे हांगकांग के लोगों के लिए इससे भी बुरा तब होगा जब ब्रिटेन की इस हरकत के बाद वह अपनी ही मिट्टी में दूसरे दर्जे के नागरिक रह जाएंगे। साथ ही चीनी विदेश प्रवक्ता त्साओ ने यह भी कहा कि बी.एन. (ओ) नीति लंबे समय तक नहीं चलेगी क्योंकि दोनों ही पक्षों ने इस पर रायशुमारी नहीं की थी। 

नया वीजा सिस्टम चीन की संप्रभुता के खिलाफ है और चीन द्वारा हांगकांग प्रशासन के अंदरुनी मामलों में हस्तक्षेप है जिसे चीन कभी बर्दाश्त नहीं करेगा। त्साओ ने आगे यह भी कहा कि ये अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है इससे अंतर्राष्ट्रीय संबंधों पर भी बुरा प्रभाव पड़ेगा, चीन इस नई वीज़ा नीति का विरोध करता है।आश्चर्य इस बात पर होता है कि जब चीन दूसरे देशों की अक्षुण्णता और अखंडता को तार-तार कर उनके क्षेत्रों पर जबरन कब्जा करता है तब उसे ये सारी बातें याद नहीं रहतीं लेकिन जब चीन में मानवाधिकारों के उल्लंघन में विश्व समुदाय चीनी जनता के पक्ष में खड़ा होता है तो चीन को ये बातें अखरने लगती हैं। ये चीन का दोहरा चरित्र उजागर करती है। ब्रिटिश नागरिक (ओवरसीज़) पासपोर्ट धारकों पर इसका क्या असर होगा और हांगकांग में रहने वालों को इसका क्या फायदा मिलेगा यह अभी साफ नहीं है, वर्तमान नियमों के अनुसार यहां के रहने वालों को हांगकांग विशेष प्रशासनिक क्षेत्र वाला पासपोर्ट और राष्ट्रीय पहचान पत्र दिखाना पड़ता है। 

हालांकि कुछ लोग बी.एन. (ओ) पासपोर्ट का इस्तेमाल विदेश यात्राओं के लिए करते हैं खासकर दूर-दराज के उन क्षेत्रों में जहां पर आव्रजन अधिकारियों को हांगकांग विशेष प्रशासनिक क्षेत्र के पासपोर्ट और मुख्यभूमि चीनी पासपोर्ट में फर्क पता करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लेकिन जानकार ऐसा अनुमान लगा रहे हैं कि ब्रिटेन के अपनी पूर्व कॉलोनी के वासियों को राहत देने के नाम पर उठाए गए कदमों का करीब दो तिहाई हांगकांग वासी जरूर लाभ उठाएंगे क्योंकि इन लोगों में सुगबुगाहट फैल गई है कि ये सिर्फ एक शुरूआत है अब आने वाले दिनों में चीन पूरी तरह हांगकांग को अपने कब्जे में ले लेगा और एक देश दो व्यवस्थाओं वाला सिद्धांत जल्दी ही दम तोडऩे वाला है, इसके बाद हांगकांग में भी वही सारे नियम और प्रतिबंध लागू होंगे जो मुख्य भूमि में लागू होते हैं। 

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