विपक्ष के तल्ख तेवरों से घिरी सरकार की ‘ढाल’ बने मुख्यमंत्री जयराम

Edited By ,Updated: 19 Dec, 2019 01:42 AM

cm jairam becomes shield of the government surrounded by opposition

धर्मशाला विधानसभा परिसर में सम्पन्न हुए शीतकालीन सत्र में विपक्षी दल कांग्रेस ने पहले दिन से ही भाजपा सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी। विपक्ष के तल्ख तेवरों का मुख्यमंत्री सहित सभी मंत्रियों और अपरोक्ष रूप से सरकार के कुछ चहेते अधिकारियों को...

धर्मशाला विधानसभा परिसर में सम्पन्न हुए शीतकालीन सत्र में विपक्षी दल कांग्रेस ने पहले दिन से ही भाजपा सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी। विपक्ष के तल्ख तेवरों का मुख्यमंत्री सहित सभी मंत्रियों और अपरोक्ष रूप से सरकार के कुछ चहेते अधिकारियों को सामना करना पड़ा। कुल 6 बैठकों वाले इस शीतकालीन सत्र में विपक्ष ने अनेकों मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश की और अनेकों बार वाकआऊट भी किया। 

कांग्रेस विधायकों के साथ नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्रिहोत्री ने इस शीतकालीन सत्र में सरकार के पसीने निकालने की पूरी कोशिश की। परन्तु कांग्रेस पार्टी के अंदर नेतृत्व की चल रही लड़ाई में शामिल कुछेक वरिष्ठ विधायकों ने सत्र के दौरान अलग चलने की कोशिश भी की। जबकि सत्तापक्ष की तरफ से विपक्ष के सामने अपने मंत्रियों को घिरता देख खुद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर अनेकों बार उनकी ढाल बने। मुद्दों की कमी विपक्ष के पास भी नहीं थी और उनका माकूल जवाब सत्तापक्ष के पास भी था। परन्तु विपक्ष के तल्ख तेवरों से घिरे कुछेक मंत्री सिर्फ विभाग के जवाब को ही सदन में पढऩे की कोशिश में रहे। वहीं फ्लोर मैनेजमैंट में भी सरकार की ओर से कुछ कमियां रह गईं। जिस कारण विपक्ष को सरकार को घेरने का मौका मिलता रहा। 

लगभग 93000 करोड़ के प्रस्तावित निवेश को लेकर बाहरी उद्योगपतियों को दी जा रही रियायतों को लेकर विपक्ष ने सरकार पर लगातार हमला बोला और उस पर चर्चा की मांग की। विपक्ष ने सदन के अंदर और बाहर सरकार पर निवेश के पीछे के खेल में शामिल कुछ गैर-हिमाचली अधिकारियों के मंसूबों को हिमाचल विरोधी बताया। धारा-118 में निवेश की आड़ में हिमाचल की जमीनों के बिकने से लेकर इंवैस्टमैंट मीट में एम.ओ.यू. करने वाली कम्पनियों की वित्तीय क्षमताओं पर भी विपक्ष ने सवाल उठाए। 

नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्रिहोत्री ने चिंता जताई कि सरकार के मंसूबे हिमाचल फार सेल के हैं, लेकिन विपक्ष किसी भी सूरत में सरकार को हिमाचली हितों से खेलने नहीं देगा। वहीं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी स्पष्ट कर दिया कि विपक्ष नहीं चाहता कि हिमाचल में निवेश आए और यहां के युवाओं को रोजगार मिले। निवेश की प्रक्रिया को सरल करने के लिए उद्योग मंत्री द्वारा लाए गए एक विधेयक का विपक्ष सहित माकपा के विधायक राकेश सिंघा ने भी विरोध किया। लेकिन न तो सदन के भीतर इंवैस्टमैंट मीट को लेकर विस्तृत चर्चा हो पाई और न ही इस विधेयक को विपक्ष रोक पाया। 

कुशल वित्तीय प्रबंधन की अभी भी कमी
शीतकालीन सत्र में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा पेश की गई कैग की वित्तीय वर्ष 2017-18 की रिपोर्ट में हिमाचल में सरकारी तंत्र की कुशल वित्तीय प्रबंधन की कमी का फिर से जिक्र किया गया है। सरकार के लगभग सभी विभागों और सार्वजनिक उपक्रमों की कार्यकुशलता पर रिपोर्ट में सवाल उठाते हुए सैंकड़ों करोड़ों की वित्तीय अनियमितताओं और गैर-जरूरी खर्च का जिक्र किया गया है। रिपोर्ट में कुल राजस्व घाटा 922 करोड़ रुपए तक पहुंचने सहित सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा बिगाड़ी जा रही राज्य की आर्थिक सेहत पर भी कैग ने कड़ी टिप्पणियां की हैं। 

रिपोर्ट में कुछ सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा 2013 से लेकर 2018 के बीच सरकार से ऋणों और अग्रिम राशि के रूप में प्राप्त किए गए 6507 करोड़ में से अभी तक सिर्फ 622 करोड़ की वापसी होने के कारण राज्य सरकार पर बढ़ रहे आॢथक बोझ पर कैग ने चिंता जताई है। इसी प्रकार से आबकारी एवं कराधान विभाग द्वारा पथ कर व लाइसैंसधारी शराब के ठेकेदारों से वसूली समय पर न किए जाने पर विभाग की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए गए हैं। 

क्या कांग्रेस नहीं बनाएगी इस बार चार्जशीट
पिछले कुछ सालों से विपक्ष में बैठी पार्टी सरकार के कामकाज को लेकर हर साल सरकार के गठन के दिन एक विस्तृत चार्जशीट तैयार कर राज्यपाल को सौंपने की रस्म निभाती आ रही है। पिछले साल भी 27 दिसम्बर को कांग्रेस पार्टी ने तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सुखविन्दर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में चार्जशीट राज्यपाल को सौंपी थी। लेकिन इस बार प्रदेश कांग्रेस कमेटी की तरफ से न तो अभी तक किसी वरिष्ठ नेता की अध्यक्षता में चार्जशीट कमेटी का गठन किया गया है और न ही इस बारे मौजूदा अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर गंभीर दिख रहे हैं। जिसका एक बड़ा कारण यह भी है कि कुछ ही समय पहले राज्य कांग्रेस की सभी इकाइयों को भंग किया गया है और अब कुलदीप सिंह राठौर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से सलाह-मशविरा कर नए पदाधिकारियों का चयन करने में व्यस्त हैं। 

कांग्रेस विधायक दल ने सरकार के खिलाफ शीतकालीन सत्र के दौरान अनेकों मुद्दे सदन के अंदर रखे हैं, जिन्हें पार्टी को ही चार्जशीट का रूप देना है। लेकिन कांग्रेस पार्टी के अंदर कुछेक वरिष्ठ नेता अभी भी संगठन में होने वाले बदलाव को लेकर ज्यादा गंभीर हैं, जिसके चलते शायद इस बार चार्जशीट का जिन्न बोतल में ही कैद रह जाएगा। दूसरी तरफ भाजपा सरकार 2 साल पूर्ण होने पर 27 दिसम्बर को शिमला में एक बड़े समारोह का आयोजन करने जा रही है जिसमें बतौर मुख्यातिथि भाजपा अध्यक्ष व गृहमंत्री अमित शाह भाग लेंगे।-डा.राजीव पत्थरिया 
 

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