कांग्रेस-राकांपा बनाम भाजपा-शिवसेना

Edited By ,Updated: 23 Sep, 2019 04:15 AM

congress ncp vs bjp shiv sena

महाराष्ट्र में 21 अक्तूबर को होने जा रहे विधानसभा चुनावों में मुख्य मुकाबला शिवसेना-भाजपा और कांग्रेस-राकांपा के दो प्रमुख गठबंधनों के बीच है। भाजपा और शिवसेना के बीच सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत जारी है जबकि कांग्रेस-राकांपा के बीच हुए गठबंधन के...

महाराष्ट्र में 21 अक्तूबर को होने जा रहे विधानसभा चुनावों में मुख्य मुकाबला शिवसेना-भाजपा और कांग्रेस-राकांपा के दो प्रमुख गठबंधनों के बीच है। भाजपा और शिवसेना के बीच सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत जारी है जबकि कांग्रेस-राकांपा के बीच हुए गठबंधन के अनुसार दोनों दल 125-125 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, जबकि 38 सीटें सहयोगी दलों को दी जाएंगी। 

भाजपा ने 30 साल बाद पिछला विधानसभा चुनाव बड़े अंतर से जीता था। भगवा दलों के गठबंधन ने इस बार यहां 288 में से 220 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है जबकि 2014 के विधानसभा चुनाव में इस गठबंधन ने 185 सीटें जीती थीं। महत्वपूर्ण बात यह है कि इस बार विपक्ष निरुत्साहित है क्योंकि उनके 18 वर्तमान विधायकों ने पार्टी छोड़ कर भाजपा और शिवसेना ज्वाइन कर ली है। पिछले 5 महीनों में एक वर्तमान सांसद, 3 पूर्व सांसदों तथा विभिन्न पूर्व मंत्रियों ने भाजपा अथवा शिवसेना का दामन थामा है। इन चुनावों में भाजपा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रसिद्धि तथा अनुच्छेद 370 को खत्म करने के मुद्दे पर चुनाव जीतना चाहती है जबकि विपक्ष अर्थव्यवस्था का मामला उठाएगा जो पिछले 6 वर्षों में सबसे खराब स्थिति में है। इसके अलावा बेरोजगारी और पश्चिमी महाराष्ट्र में बाढ़ का मामला उठाया जाएगा। 

राजस्थान में मजबूत हुए अशोक गहलोत 
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरकार को मजबूत बनाने के लिए बसपा के सभी 6 विधायकों को कांग्रेस में शामिल कर लिया है। 2008 में भी उन्होंने इसी प्रकार बसपा विधायकों को अपने साथ मिला लिया था। इस घटना के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने कांग्रेस पर उसके विधायकों को छीनने का आरोप लगाया है। राजनीतिक सूत्रों के अनुसार मायावती राजस्थान में भाजपा के साथ किसी तरह का गठबंधन करना चाहती थी लेकिन उससे पहले ही अशोक गहलोत ने उसके विधायकों को अपनी पार्टी में शामिल कर लिया। यह योजना इतनी गुप्त थी कि उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को भी इसकी जानकारी नहीं थी। गहलोत ने विधानसभा अध्यक्ष सी.पी. जोशी को विश्वास में लिया और कांग्रेस हाईकमान को भी उनकी ज्वाइनिंग से कुछ घंटे पहले ही इस बात का पता चला। बसपा के इन 6 विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के बाद अब इस बात की सम्भावना है कि उनमें से कुछ को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। 

त्रिवेन्द्र सिंह रावत बनाम हरीश रावत
ऐसा लगता है कि इन दिनों उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के पीछे पड़े हैं। त्रिवेन्द्र सिंह रावत आर.एस.एस. से जुड़े रहे हैं और वह पार्टी के संगठन सचिव थे। मुख्यमंत्री का पद सम्भालने के बाद उन्होंने भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी शुरू की। उन्होंने नैशनल हाईवे निर्माण के मामले में सी.बी.आई. जांच की घोषणा की है, जिसका निर्माण मुख्यमंत्री हरीश रावत के कार्यकाल में हुआ है। केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस जांच को रोक दिया है। इसके बावजूद त्रिवेन्द्र सिंह यह जांच करवाना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने हाल ही में जयराम आश्रम का दौरा किया है, जो कांग्रेस नेता ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी से संबंधित है क्योंकि वह हरीश रावत के खिलाफ है। अब यह अफवाह चल रही है कि मुख्यमंत्री के दौरे के बाद ब्रह्मस्वरूप भाजपा में जा सकते हैं। वह नैशनल हाईवे के निर्माण के बारे में कई अहम टिप्स दे सकते हैं। 

राजनीति में सब सम्भव
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच लम्बे अरसे से चल रही कड़वाहट अब कम हो रही है। ममता बनर्जी ने दिल्ली पहुंच कर न केवल प्रधानमंत्री से मुलाकात की बल्कि उन्हें बंगाली कुर्ता और बंगाली मिठाई भी भेंट की। उल्लेखनीय है कि ममता बनर्जी ने दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर नरेन्द्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग नहीं लिया था। लोकसभा चुनावों के दौरान दोनों के बीच काफी कड़वाहट थी। अब ममता ने पी.एम. से मिलकर उन्हें पश्चिम बंगाल में कोयला खान के उद्घाटन समारोह के लिए भी आमंत्रित किया है। 

इस मुलाकात के बारे में ममता का कहना है कि वह पश्चिम बंगाल के विकास कार्यों पर चर्चा करने के लिए आई थीं, जबकि भाजपा के पश्चिम बंगाल के प्रभारी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का दावा है कि वह कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्रर को सी.बी.आई. के शिकंजे से बचाने के लिए पी.एम. से मिली थीं क्योंकि गिरफ्तार होने पर वह शारदा चिटफंड घोटाले से जुड़े टी.एम.सी. नेताओं के नामों का खुलासा कर देगा। इस मुलाकात के बाद पश्चिम बंगाल में भाजपा के नेता और कार्यकत्र्ता भाजपा और टी.एम.सी. के बीच आगामी समय में बनने वाले संबंधों को लेकर ङ्क्षचतित हैं। इस बीच लैफ्ट फ्रंट और कांग्रेस के नेता यह दावा कर रहे थे कि मुख्यमंत्री ने शारदा चिटफंड घोटाले में राहत के लिए पी.एम. से मुलाकात की है क्योंकि इस मामले की जांच सी.बी.आई. कर रही है।-राहिल नोरा चोपड़ा 

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!