कोविड-19 का पहला शिकार है ‘लोकतंत्र’

Edited By ,Updated: 05 Jun, 2020 10:56 AM

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लिंकन मैमोरियल पर बैठ निरकुंशता और राजशाही की ओर ध्यानपूर्वक देखते हुए लोकतंत्र फुसफुसाया और कहने लगा कि मैं इस क्षण अपने आपको बहुत ही तुच्छ, अपर्याप्त और महत्वहीन महसूस कर रहा हूं। इतने में निरंकुश हंसता हुआ बोला कि आप कोविड-19 को संभालने में...

लिंकन मैमोरियल पर बैठ निरकुंशता और राजशाही की ओर ध्यानपूर्वक देखते हुए लोकतंत्र फुसफुसाया और कहने लगा कि मैं इस क्षण अपने आपको बहुत ही तुच्छ, अपर्याप्त और महत्वहीन महसूस कर रहा हूं। इतने में निरंकुश हंसता हुआ बोला कि आप कोविड-19 को संभालने में असमर्थ हैं। लोकतंत्र ने कहा नहीं, मुझे लगता है कि इस पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के दौरान जब लोगों को मेरी ओर मुडऩा चाहिए था तब वे आप दोनों की तरफ मुड़ रहे हैं। राजशाही और निरंकुशता ने एक ही स्वर में कहा, ‘‘ठीक ही तो है, लोग मजबूत नेताओं को दृढ़ निर्णय लेते देखना चाहते हैं।’’ लोकतंत्र ने पूछा, ‘‘लोकतंत्र होने के नाते मैं मानता हूं कि सामूहिक सोच समझदार विचारों को सामने लाती है।’’ निरंकुशता ने कहा, ‘‘विचारों में अधिक अराजकता देखी जाए। इतने में राजशाही ने भी सिर हिलाया और कहा ‘‘शोर का काफिला दिखाई दे रहा है।’’

लोकतंत्र बोला कि हो सकता है कि यह शुरू में शोर की तरह लगता है क्योंकि हर कोई समान होने के नाते संकट को हल करने के लिए अपने विचारों को व्यक्त करने में कोई खतरा महसूस नहीं करता लेकिन फिर उस अराजकता और भ्रम से बाहर एक आदेश आता है और एक शानदार विचार उत्पन्न हो दुनिया को बचाता है। राजशाही बोला कि लोग इंतजार नहीं कर सकते। वे तो तत्काल कार्रवाई चाहते हैं। इसीलिए वे आपातकालीन और तात्कालिक निर्णयों के लिए हमारी तरफ देखते हैं। लोकतंत्र ने दुखी होते हुए बताया कि गलती को बार-बार करना ठीक नहीं। इतने में राजशाही ने निरंकुशता की ओर देखा और दोनों एक साथ हंसते हुए बोले दुर्भाग्य से लोगों को अक्सर एक निर्णायक नेता स्थानांतरित कर देता है। वे दोनों चकित थे और बोले कि मूर्ख लोग आपकी बजाय धीमी गति से होने वाले निर्णयों से खुश रहते हैं।

लोकतंत्र बोला, ‘‘कई बार जल्दबाजी में गलतियां हो जाती हैं और ऐसा उन लोगों के द्वारा होता है जिनके पास विशिष्ट ज्ञान नहीं होता लेकिन वह उस शक्ति पर अभिनय करते हैं जिसके काम में वह लगे होते हैं।’’निरंकुशता बोला ‘‘बाद में गलत फैसलों को कौन याद रखता है। वैसे भी हम दृढ़ता से निपटते हैं।’’ राजशाही हंसा और बोला उन्हें तुच्छ कारणों के लिए जेल में डाल दिया जाता है मगर लोकतंत्र कांपने लगा और उसने कहा कि आप मेरे माध्यम से लोगों को प्राप्त करने में कैसे कामयाब रहे हैं। उन्हें ऐसा महसूस होता है कि उनके पास अभी भी लोकतंत्र कायम है जबकि ये आप दोनों हैं जो आज दुनिया पर राज करते हैं। निरंकुशता मुस्कुराया और कहा कि हम किस तरह से शासन करते हैं और आखिरी बार ऐसा कब था। पुलिस को लोकतंत्र में लोगों को पीटने की अनुमति दी गई थी? नौकरशाहों ने महत्वपूर्ण निर्णय लेने वाले प्रतिनिधियों को नहीं चुना। जैसे ही प्रवासी अपने घरों को लौटे, करूणा को खिड़की से बाहर फैंक दिया गया। 

राजशाही ने पूछा, ‘‘पिछली बार अदालतों ने अपनी आवाज कब खो दी थी? मीडिया का मुंह बंद कर दिया गया? नए सम्राट की उम्र लम्बी हो।’’ निरंकुशता और जोर से चिल्लाते हुए बोला, ‘‘हमारे नए तानाशाह।’’ इतने में लोकतंत्र फुसफुसाया और बोला कि, ‘‘आखिर इस सबकी समाप्ति कब होगी?’’ इतने में राजशाही और निरंकुशता एक साथ बोले कि, ‘‘जब तक हम लोगों को भय में कायम रखेंगे वह अपने साधारण जीवन को पुन: शुरू करने के लिए बाहर निकलने से डरेंगे। वे इस बात के लिए भयभीत होंगे कि उनके भाई और उनके पड़ोसी उन्हें दंड देंगे और हम शासन करेंगे। अपने आपको इस तथ्य के लिए याद करो भाई कि आप लोकतंत्र कोविड-19 के पहले शिकार हैं।’’
 

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