Edited By ,Updated: 08 Jan, 2024 06:12 AM
साइबर अपराधों की जांच कर रहे दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि साइबर अपराधी राष्ट्रीय राजधानी में प्रतिदिन लगभग 200 लोगों को निशाना बना रहे हैं और अलग-अलग तरीकों से उनके पैसे ठग रहे हैं।
साइबर अपराधों की जांच कर रहे दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि साइबर अपराधी राष्ट्रीय राजधानी में प्रतिदिन लगभग 200 लोगों को निशाना बना रहे हैं और अलग-अलग तरीकों से उनके पैसे ठग रहे हैं। अधिकारी के अनुसार दिल्ली और उसके आसपास जालसाज पीड़ितों को धोखा देने के लिए सैक्सटॉर्शन, वर्क फ्रॉम होम, ऑनलाइन होटल बुकिंग और आनॅलाइन री-सेल सहित अन्य उपायों का इस्तेमाल कर रहे हैं जबकि झारखंड के जामताड़ा और बिहार के पटना से संचालित होने वाले गिरोह भोले-भाले लोगों से पैसा हड़पने के लिए एंड्रायड बैंकिंग मालवेयर, के.वाई.सी. एक्सपायरी आदि हथकंडों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
इस पुलिस अधिकारी का यह भी कहना है कि मेवात स्थित साइबर अपराधी निवेश अनुप्रयोगों और अंशकालिक नौकरियों की पेशकश करने वाली वैबसाइटों का उपयोग करके लोगों की रकमें निकाल रहे हैं। वे पीड़ितों के सिस्टम पर नियंत्रण पाने के लिए उनसे ओ.टी.पी. मांग रहे हैं और सैक्सटॉर्शन के लिए फर्जी सोशल मीडिया अकाऊंट बना रहे हैं। पुलिस अधिकारी का यह भी कहना है कि दिल्ली पुलिस ने ‘एक्स’ पर हाल ही की एक हालिया पोस्ट में राष्ट्रीय राजधानी के निवासियों को ऐसी धोखाधड़ी के प्रति आगाह किया है। हमें दिल्ली में साइबर धोखाधड़ी के संबंध में प्रतिदिन लगभग 200 शिकायतें मिलती हैं। इनमें से अधिकतर शिकायतें घर में काम करने, सैक्सटार्शन, ओ.टी.पी. से संबंधित मामले, उत्पादों की आनलाइन बिक्री से संबंधित होती हैं।
भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र के निदेशक राजेश कुमार ने हाल ही में कहा था कि 1 अप्रैल 2021 से साइबर अपराधियों द्वारा देश में 10, 300 करोड़ रुपए से अधिक की हेराफेरी की गई जिसमें से एजैंसियां देश में लगभग 1,127 करोड़ रुपए की सफलता पूर्वक ब्लॉक करने में सफल रहीं। राजेश कुमार के अनुसार 2021 में राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोॄटग पोर्टल (एन.सी.आर.पी.) पर 4.52 लाख से अधिक साइबर अपराध के मामले दर्ज किए गए थे जो 2022 में 113.7 प्रतिशत बढ़ कर 9.66 लाख हो गए। एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार सरकार ने परीक्षण के आधार पर एक नया सॉफ्टवेयर बनाया है जो पुलिस को अपने क्षेत्र में सक्रिय साइबर अपराधियों का पता लगाने में मदद करता है।
ऐसे साइबर अपराधों से बचने के बारे में अधिकारियों का कहना है कि हर किसी को ऑनलाइन खरीदारी करने से पहले एप्लिकेशन या वैबसाइट की जांच और सत्यापन करना चाहिए। दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि अगर कोई व्यक्ति किसी सामान का आर्डर कर रहा है तो उसे कैश ऑन डिलीवरी (सी.ओ.डी.) भुगतान पद्धति को अपनाना चाहिए जो साइबर अपराध से बचने का सुनिश्चित तरीका है। पुलिस अधिकारी के इस चेतावनी भरे परामर्श को मान कर लोग काफी हद तक साइबर ठगी की चपेट में आने से बच सकते हैं। देश में साइबर ठगी के 2 बड़े केंद्र जामताड़ा तथा मेवात क्षेत्र से चलाए जा रहे हैं अत: कठोर कार्रवाई करके इन्हें कुचलने की जरूरत है वर्ना देश में इसी तरह के और केंद्र कायम होंगे और लोग लुटते रहेंगे।