पूर्व प्रधानमंत्री आई.के. गुजराल को नहीं मिला ‘सम्मान’

Edited By ,Updated: 09 Dec, 2019 02:18 AM

former prime minister ik gujral did not get honor

गत 4 दिसम्बर को हमारे पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल का 100वां जन्मदिन था। उनका निधन हुए लगभग 22 साल हो चुके हैं। उन्हें एक छोटे कद के नेता के तौर पर याद किया जाता है, जो ऐनक लगाते थे और अपने शिष्टाचार के लिए जाने जाते थे। वह सबसे छोटे...

गत 4 दिसम्बर को हमारे पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल का 100वां जन्मदिन था। उनका निधन हुए लगभग 22 साल हो चुके हैं। उन्हें एक छोटे कद के नेता के तौर पर याद किया जाता है, जो ऐनक लगाते थे और अपने शिष्टाचार के लिए जाने जाते थे। वह सबसे छोटे कार्यकाल वाले प्रधानमंत्रियों में से एक थे लेेकिन वह निश्चित तौर पर एक नेक इंसान थे।

उनके बेटे अकाली दल से सांसद नरेश गुजराल ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से आग्रह किया कि उनके पिता एवं पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल के जन्म समारोह पर संसद में कार्यक्रम का आयोजन किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि केन्द्र सरकार की ओर से उनके पिता की याद में उनके नाम पर एक डाक टिकट जारी की जानी चाहिए और उनकी जन्म शताब्दी पर सरकार की ओर से अखबार में विज्ञापन दिया जाना चाहिए। नरेश गुजराल के आग्रह पर मोदी सरकार की ओर से कोई सकारात्मक उत्तर नहीं मिला लेकिन पंजाब, दिल्ली और महाराष्ट्र की गैर एन.डी.ए. सरकारों ने इंद्र कुमार गुजराल के सम्मान में तथा उनकी याद में विज्ञापन जारी किए। 

महाराष्ट्र भाजपा में अंतर्कलह
तीन दिन की सरकार खोने के बाद और शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस की सरकार के गठन के बाद महाराष्ट्र भाजपा में अंतर्कलह शिखर पर है। एकनाथ खड़से भाजपा विद्रोहियों के नेता बन गए हैं और वह भाजपा पर पिछड़ों का समर्थन नहीं करने का आरोप लगा रहे हैं। पूर्व भाजपा नेता गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा मुंडे भी एकनाथ खड़से के साथ है। उसका कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडऩवीस ने विनोद तावड़े और एकनाथ खड़से को टिकट देने से इंकार कर दिया था और अब एकनाथ यह आरोप लगा रहे हैं कि देवेन्द्र फडऩवीस का अजीत पवार के समर्थन से सरकार बनाने का फैसला गलत था। चुनावों के दौरान फडऩवीस अजीत पवार पर  सिंचाई घोटाले में शामिल होने का आरोप लगा रहे थे और यह भी कह रहे थे कि सत्ता में आने पर वह अजीत पवार को जेल भेजेंगे लेकिन चुनाव के बाद फडऩवीस के 3 दिन के कार्यकाल में अजीत पवार को प्रदेश के एंटी क्रप्शन ब्यूरो द्वारा क्लीन चिट दे दी गई। 

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच दरार
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच टसल चरम पर है। सूत्रों के अनुसार राज्यपाल जगदीप धनखड़ मुख्यमंत्री से संवाद करने का प्रयास करके थक गए हैं लेकिन उनके कार्यालय की ओर से कोई रिस्पांस नहीं मिल रहा है। आमतौर पर मुख्यमंत्री को राज्यपाल से लगातार संवाद बना कर रखना होता है लेकिन ममता बनर्जी राज्यपाल के साथ कोई बातचीत नहीं कर रही हैं। गत दिनों जब राज्यपाल हावड़ा जिले में एक कालेज में होने वाले कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आ रहे थे तो टी.एम.सी. कार्यकत्र्ताओं ने उन्हें काले झंडे दिखाए। टी.एम.सी. कार्यकत्र्ताओं ने बैनर भी उठाए हुए थे जिन पर ‘‘शेम शेम गवर्नर’’ के नारे लिखे हुए थे। जब राज्यपाल का काफिला कालेज में प्रवेश कर रहा था तो उन्होंने यह बैनर लहराए। टी.एम.सी. का आरोप है कि धनखड़ ने बकाया बिल क्लीयर नहीं किए जिस कारण पिछले हफ्ते प्रदेश विधानसभा को अचानक स्थगित करना पड़ा। 

उत्तर प्रदेश की स्थिति 
उत्तर प्रदेश में भाजपा भारी बहुमत से विजयी हुई और योगी आदित्य नाथ मुख्यमंत्री बने। सरकार के गठन के अढ़ाई वर्ष बाद लोगों को ऐसा लग ही नहीं रहा है कि प्रदेश में कोई सरकार काम कर रही है बजाय इसके कि कुछ मंत्रियों द्वारा कुछ बयान जारी कर दिए जाते हैं। प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति लगातार बिगड़ रही है और उन्नाव में रेप की घटना के बाद प्रदेश में माहौल और भी खराब हो गया है। इस घटना के बाद योगी के कैबिनेट मंत्री राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने यह बयान देकर मामले को और तूल दे दिया कि इतनी बड़ी जनसंख्या वाले राज्य में 100 प्रतिशत अपराध मुक्त समाज की गारंटी तो भगवान राम भी नहीं दे सकते। दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों को मिलों की ओर से भुगतान नहीं किया जा रहा है। प्रदेश में पिछले 3 महीने से कोई मुख्य सचिव नहीं है। बहुत से वरिष्ठ पद खाली पड़े हैं और दुर्भाग्य से मुख्यमंत्री के पास इन कार्यों के लिए कोई समय नहीं है। वह राजनीति में व्यस्त हैं।-राहिल नोरा चोपड़ा 
 

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