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सार्वजनिक खरीद को आकर्षक बनाने का सार्थक प्रयास है ‘जी.ई.एम.’

Edited By ,Updated: 20 May, 2025 05:15 AM

gem  is a meaningful effort to make public procurement attractive

सार्वजनिक खरीद के लिए पारदर्शी, समावेशी एवं कुशल मंच प्रदान करने के एक अग्रणी उपाय के रूप में, गवर्नमैंट ई-मार्कीट प्लेस  (जी.ई.एम.) पूरी दुनिया में तेजी से उभरा है। यह प्लेटफॉर्म 1.6 लाख से अधिक सरकारी खरीदारों को 23 लाख विक्रेताओं एवं सेवा...

सार्वजनिक खरीद के लिए पारदर्शी, समावेशी एवं कुशल मंच प्रदान करने के एक अग्रणी उपाय के रूप में, गवर्नमैंट ई-मार्कीट प्लेस  (जी.ई.एम.) पूरी दुनिया में तेजी से उभरा है। यह प्लेटफॉर्म 1.6 लाख से अधिक सरकारी खरीदारों को 23 लाख विक्रेताओं एवं सेवा प्रदाताओं से जोड़ता है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत 2047 के दृष्टिकोण का एक प्रमुख वाहक बन गया है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा इस परिवर्तनकारी डिजिटल पहल को शुरू किए जाने के बाद से 9 वर्षों के दौरान, जी.ई.एम. ने भ्रष्टाचार को खत्म करके और स्टार्टअप,  ‘एम.एस.एम.ई.’, महिलाओं एवं छोटे शहरों के व्यवसाइयों को व्यावसायिक अवसर प्रदान करके सरकार द्वारा वस्तुओं एवं सेवाओं की खरीद के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव ला दिया है। 

उपयोगकत्र्ताओं के अनुकूल माना जाने वाला यह प्लेटफॉर्म एक ऐसा सच्चा रत्न है, जिसनेे कुख्यात आपूर्ति एवं निपटान महानिदेशालय ‘डायरैक्टोरेट जनरल  ऑफ  सप्लाइज एंड डिस्पोजल्स’ की जगह ले ली है। इस महानिदेशालय की अपारदर्शी और गैर-प्रतिस्पर्धी प्रणालियां कुछ विशेषाधिकार प्राप्त लोगों को अनुचित लाभ प्रदान करती थीं। इसलिए यह उचित ही है कि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय का नया कार्यालय, वाणिज्य भवन, उस भूमि पर बनाया गया है जिस पर कभी यह पुराना निकाय स्थित था।

शानदार प्रगति : वर्ष 2016 में स्थापना के बाद से जी.ई.एम. पोर्टल पर 13.4 लाख करोड़ रुपए से अधिक के ऑर्डर का लेन-देन किया गया है। वर्ष 2024-25 के दौरान, इस प्लेटफॉर्म पर सार्वजनिक खरीद बढ़कर रिकॉर्ड 5.43 लाख करोड़ रुपए की हो गई। जी.ई.एम. का लक्ष्य वर्तमान वित्त वर्ष में अपने वार्षिक कारोबार को बढ़ाकर 7 लाख करोड़ रुपए करना है। जी.ई.एम. नि:संदेह सार्वजनिक खरीद से जुड़े परिदृश्य में एक असाधारण तकनीकी उपाय के रूप में उभरा है। कारोबार के आकार की दृष्टि से, जी.ई.एम.  निकट भविष्य में दुनिया का सबसे बड़ा सार्वजनिक खरीद पोर्टल बन जाएगा और दक्षिण कोरिया के कोनेप्स जैसी सुप्रतिष्ठित संस्थाओं को पीछे छोड़ देगा। जी.ई.एम. ने ईमानदारी से व्यवसाय कर  प्रतिष्ठानों को व्यापक अवसर प्रदान किए हैं, नौकरियां सृजित की हैं और भारत के आॢथक विकास को प्रोत्साहित किया है। 

न्यायसंगत विकास का वाहक : जी.ई.एम.  प्रधानमंत्री मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास’ मिशन के अनुरूप न्यायसंगत विकास के एक महत्वपूर्ण वाहक के रूप में कार्य करता है। यह स्टार्टअप, छोटे व्यवसाइयों और महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों को बिना किसी बिचौलिए के सरकारी खरीदारों के सामने अपने उत्पादों एवं सेवाओं को प्रदर्शित करने का एक आसान रास्ता प्रदान करता है। प्रवेश की सभी बाधाओं को दूर करके, यह प्लेटफॉर्म छोटे घरेलू व्यवसाइयों को ई-टैंडर में भाग लेने और अपने व्यवसाय का विस्तार करने का अधिकार देता है।समावेशिता के सिद्धांत से प्रेरित, जी.ई.एम. ने छोटे व्यवसाइयों के विकास को समर्थन देने के उद्देश्य से विभिन्न रणनीतिक पहलों का समावेश किया है। इनमें सरकारी खरीदारों को सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों (एम.एस.ई.) और महिलाओं के नेतृत्व वाले व्यवसायों द्वारा पेश किए जाने वाले उत्पादों एवं सेवाओं की पहचान करने तथा उनका चयन  करने में मदद करने वाली प्रणालियां शामिल हैं। अप्रैल 2025 तक 30,000 से अधिक स्टार्टअप ने जी.ई.एम. के जरिए 38,500 करोड़ रुपए से अधिक का कारोबार किया है। इसके अलावा, 1.81 लाख उद्यम-सत्यापित महिला उद्यमियों ने  जी.ई.एम.  पोर्टल पर लगभग 50,000 करोड़ रुपए के ऑर्डर हासिल किए हैं।

बड़ी बचत : इन बदलावों से कुछ खास आकार के ऑर्डरों के लिए 33 प्रतिशत से लेकर 96 प्रतिशत तक की बचत हुई है। यह उल्लेखनीय कमी देश के आम नागरिकों के हित में व्यापार करने में आसानी ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनैस’ और जीवन-यापन में आसानी ‘ईज ऑफ  लिविंग’ को बढ़ाने के मोदी सरकार के मिशन  के अनुरूप एक स्वागतयोग्य बदलाव है। विश्व बैंक द्वारा किए गए एक स्वतंत्र मूल्यांकन से यह पता चला है कि जी.ई.एम.  पर खरीदार औसत कीमत पर लगभग 9.75 प्रतिशत की बचत करते हैं। इससे करदाताओं के पैसे का उपयोग करके की जाने वाली सार्वजनिक खरीद में अनुमानित रूप से 1,15,000 करोड़ रुपए की भारी बचत हुई है। जी.ई.एम. पर खरीद ने सरकारी कम्पनी एन.टी.पी.सी. को 20,000 करोड़ रुपए के अनुबंध में रिवर्स नीलामी का उपयोग करके 2,000 करोड़  रुपए बचाने में मदद की। जी.ई.एम .ने रक्षा उपकरणों, टीकों, ड्रोन और बीमा जैसी सेवाओं की पारदर्शी एवं किफायती खरीद में भी मदद की है। छोटे उद्यमों को बड़ी राहत प्रदान करते हुए,जी.ई.एम. ने हाल ही में अपने लेन-देन शुल्क में उल्लेखनीय कमी की है। 10 लाख रुपए से अधिक के ऑर्डर पर 0.30 प्रतिशत का कम लेन-देन शुल्क लगेगा, जबकि 10 करोड़ रुपए से अधिक के ऑर्डर पर 3 लाख रुपए का सीमित शुल्क लगेगा जोकि पहले के 72.50 लाख रुपए के शुल्क से काफी कम है।

प्रौद्योगिकी, ए.आई. : एक ठोस तकनीकी बुनियादी ढांचे से लैस, यह प्लेटफॉर्म विभिन्न तकनीकी उपायों का उपयोग करके व्यापार करने के नए एवं आसान तरीके पेश करते हुए लगातार विकसित होता जा रहा है। जी.ई.एम. ने ‘जी.ई.एम. ए.आई’ नामक एक ए.आई.संचालित चैटबॉट का समावेश किया है।  यह संवादात्मक विश्लेषण और व्यावसायिक बुद्धिमता में प्रशिक्षित एक उपकरण है। यह स्मार्ट चैटबॉट 8 स्थानीय भाषाओं में उपलब्ध है और जी.ई.एम. पोर्टल पर व्यापार करने में आसानी को और बढ़ाने के लिए वॉयस कमांड कार्यक्षमता सहित नवीनतम तकनीकों से लैस है। जी.ई.एम.  पोर्टल भारत के आॢथक विकास और प्रधानमंत्री मोदी के प्रगति संबंधी उद्देश्यों को आगे बढ़ाने वाले एक महत्वपूर्ण वाहक के रूप में सक्रिय है। यह समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों को सशक्त बनाने एवं उनका उत्थान करने तथा उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए हमेशा अतिरिक्त प्रयास करेगा।-पीयूष गोयल(केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री) 

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