इमरान पर कानूनी संकट का असर पाकिस्तान के चुनावों पर पड़ रहा

Edited By ,Updated: 07 Feb, 2024 05:38 AM

imran s legal crisis is impacting pakistan s elections

जैसा कि पाकिस्तान 8 फरवरी को आम चुनाव के लिए तैयार है, राजनीतिक परिदृश्य महत्वपूर्ण उथल-पुथल से गुजर रहा है। स्थिति जटिल और तरल है। चुनाव से पहले के दिनों में नए घटनाक्रम हो सकते हैं।

जैसा कि पाकिस्तान 8 फरवरी को आम चुनाव के लिए तैयार है, राजनीतिक परिदृश्य महत्वपूर्ण उथल-पुथल से गुजर रहा है। स्थिति जटिल और तरल है। चुनाव से पहले के दिनों में नए घटनाक्रम हो सकते हैं। इस चुनाव में सबसे चर्चित शख्सियतों में से एक पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान एक बार फिर सुॢखयों में हैं और उन्हें इस हफ्ते 2 अलग-अलग मामलों में  जेल की सजा मिली है। 

पहले मामले में प्रधानमंत्री के रूप में खान के समय के दौरान वाशिंगटन में पाकिस्तान के राजदूत से इस्लामाबाद में गुप्त राजनयिक संदेशों को कथित तौर पर जारी करना शामिल है। मुकद्दमा अचानक और अव्यवस्थित ढंग से समाप्त हो गया, जिसमें खान के वकीलों को तुरंत राज्य के वकील से बदल दिया गया। बचाव पक्ष ने 29 जनवरी की रात तक अपना मामला पूरा कर लिया था, जिसके बाद अगले दिन फैसला सुनाया गया। अब उसे 10 साल की जेल का सामना करना पड़ेगा। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पी.टी.आई.) के अधिकारी सैयद जुल्फिकार बुखारी ने कहा, ‘‘स्टार गवाहों को बदल दिया गया... कोई जिरह नहीं की गई, कोई अंतिम बहस नहीं हुई, और निर्णय एक पूर्व निर्धारित प्रक्रिया की तरह सामने आया है। इस हास्यास्पद निर्णय को उच्च न्यायालयों में चुनौती दी जाएगी।’’ 

खान ने सेना पर अमरीकी सहयोग से उन्हें सत्ता से बेदखल करने का आरोप लगाया था, जिससे सेना नाराज हो गई थी। उन्होंने वाशिंगटन में पाकिस्तान के राजदूत के एक संदेश का हवाला देते हुए दावा किया कि अप्रैल 2022 में उन्हें हटाना संयुक्त राज्य अमरीका और पाकिस्तान की सेना की साजिश थी। कोर्ट ने उन्हें उस केबल का दुरुपयोग करने का दोषी पाया। कोर्ट के फैसले के कुछ ही देर बाद बलूचिस्तान प्रांत में एक राजनीतिक रैली में विस्फोट होने से दुखद घटना घटी। यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना इमरान खान को सजा मिलने के कुछ ही घंटों बाद सामने आई, जिसमें पी.टी.आई. के 3 सदस्यों सहित 4 लोगों की मौत हो गई। 

इस पहले से ही चुनौतीपूर्ण स्थिति में, कथित तौर पर राज्य के रहस्यों को खतरे में डालने के लिए 10 साल की जेल की सजा के एक दिन बाद, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और उनकी पत्नी को अवैध रूप से राज्य उपहार बेचने के लिए दोषी ठहराया गया। लगाए गए जुर्माने में 14 साल की कैद के साथ-साथ 5.3 मिलियन अमरीकी डॉलर का जुर्माना भी शामिल है। गौरतलब है कि पी.टी.आई. के इमरान खान वर्तमान में भ्रष्टाचार के एक अलग आरोप से संबंधित 3 साल की सजा काट रहे हैं। मई 2023 में अपनी गिरफ्तारी के बाद से खान विभिन्न आरोपों का सामना कर मुसीबत में हैं। वह पिछले अगस्त से जेल में हैं। 

खान की सजा का मतलब है कि वह अगले 10 वर्षों तक चुनाव में भाग नहीं ले सकते। इसके अलावा, पी.टी.आई. सरकार सैन्य कार्रवाई के अधीन है, जिससे उसकी स्वतंत्र रूप से प्रचार करने की क्षमता बाधित हो रही है। पार्टी को गिरफ्तारियों, बाधित रैलियों और मीडिया ब्लैकआऊट का सामना करना पड़ा है। इसके अतिरिक्त, सुप्रीम कोर्ट ने पार्टी का चुनाव चिन्ह एक क्रिकेट बल्ला भी छीन लिया जो खान के प्रसिद्ध खेल इतिहास का संदर्भ था। मतदाताओं को उम्मीदवारों की पहचान करने में चुनाव चिन्ह महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हालांकि, कटोरे, जूते और चिमटे के जोड़े सहित वैकल्पिक चुनाव चिन्हों को अपमानजनक माना जाता है। 

इन बाधाओं और कारावास के बावजूद, इमरान खान अपने समर्थकों में जोश भरने और राजनीतिक उपस्थिति बनाए रखने के लिए काम कर रहे हैं। पिछले दिसंबर में, पी.टी.आई. ने खान की आवाज के आर्टीफिशियल इंटैलीजैंस (ए.आई.) जनित संस्करण की विशेषता वाली एक आभासी रैली का आयोजन किया, जिसमें उनके जेल नोट्स के आधार पर भाषण दिया गया। देश के कुछ हिस्सों में इंटरनैट बंद होने की सूचना के बावजूद सोशल मीडिया पर इसे 5 मिलियन से अधिक बार देखा गया। 

चुनाव में अन्य प्रमुख खिलाडिय़ों में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पी.एम.एल.-एन), पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पी.पी.पी.), और जमात-ए-इस्लामी (जे.आई.) शामिल हैं। ये सभी पाॢटयां सत्ता के लिए प्रयासरत हैं। हालांकि, हालिया घटनाओं से सबसे बड़े लाभार्थी नवाज शरीफ हैं, जो संभवत: चुनाव जीतेंगे। सेना पहले से ही 3 बार पूर्व प्रधानमंत्री शरीफ का पक्ष ले रही है। पिछले साल सेना के साथ सामंजस्य बिठाने के बाद, नवाज निर्वासन से लौटे और अपने आर्थिक रिकॉर्ड पर जोर देते हुए अधिक संयमित रुख अपनाया है। हालांकि, आर्थिक बदलाव लाने में शरीफ की क्षमता पर संदेह बना हुआ है। 

पाकिस्तानी चुनावों की प्रक्रिया अनिश्चितता से घिरी हुई है। सामान्य चिंता यह है कि चुनावों में धांधली हो सकती है और चुनाव के बाद अशांति का खतरा हो सकता है। खान की दोषसिद्धि और सजा ने पाकिस्तान में पहले से ही अस्थिर राजनीतिक माहौल को और खराब कर दिया है। उनके समर्थक उन्हें राजनीतिक जादू-टोना के शिकार के रूप में देखते हैं, जबकि उनके आलोचकों का मानना है कि अंतत: उन्हें अपने कार्यों के लिए जवाबदेह ठहराया जा रहा है।

स्पष्ट रूप से, सेना का लक्ष्य, जो चुनाव से पहले खान और उनकी पार्टी के लिए राजनीतिक स्थान को सीमित करना है, हासिल कर लिया गया है। दोनों फैसले पाकिस्तानी सेना की ओर से मतदाताओं को एक जोरदार और स्पष्ट संदेश देते हैं। इमरान खान को कैद करने से नि:संदेह स्थिति में जटिलता की एक अतिरिक्त परत आ गई है, और चुनाव परिणामों पर अंतिम प्रभाव अभी सामने आना बाकी है। हालांकि, एक निश्चितता कायम है। इस परिदृश्य में अंतिम नुकसान गरीब पाकिस्तानी मतदाताओं का है।-हरि जयसिंह
 

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