‘भारत उतनी तेजी से विकास नहीं कर रहा, जितना करना चाहिए’

Edited By ,Updated: 29 Jan, 2019 04:19 AM

india is not developing as fast as we should

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आई.एम. एफ.) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टीन लेगार्डे का कहना है कि जनसांख्यिकीय स्थितियों को देखते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था को अब के मुकाबले बहुत तेजी के साथ विकास करना चाहिए। दावोस में विश्व आर्थिक मंच की बैठक के इतर लेगार्डे...

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आई.एम. एफ.) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टीन लेगार्डे का कहना है कि जनसांख्यिकीय स्थितियों को देखते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था को अब के मुकाबले बहुत तेजी के साथ विकास करना चाहिए। दावोस में विश्व आर्थिक मंच की बैठक के इतर लेगार्डे ने यह भी कहा कि जहां सरकार द्वारा कई तरह के सुधार किए गए हैं वहीं अभी बहुत कुछ करना बाकी है। 

इससे पहले अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अनुमान लगाया था कि 2019 में भारत 7.5 प्रतिशत की दर से विकास करेगा जबकि 2020 में 7.7 प्रतिशत की दर से और यह विश्व की प्रमुख विकासशील अर्थ-व्यवस्थाओं में से सबसे तेजी से बढऩे वाली होगी। आई.एम.एफ. का कहना है कि 2018 में भारत की विकास दर 7.3 प्रतिशत थी। 

कृषि क्षेत्र का संकट 
लेगार्डे ने कहा कि यह अच्छा संकेत है कि विकास दर का ऊंचा अनुमान लगाया गया है लेकिन सरकार को कृषि क्षेत्र में संकट का समाधान करना चाहिए क्योंकि बड़ी संख्या में लोग इस क्षेत्र पर निर्भर हैं। लेगार्डे ने भारतीय प्रशासन को कृषि क्षेत्र पर ध्यान केन्द्रित करने को कहा है। एक अन्य नोट में लेगार्डे ने यह भी कहा कि किसी भी देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण रोजगार सृजन के लिए गतिविधियां तथा आर्थिक मूल्य पैदा किए जाने चाहिएं।

भारत सरकार द्वारा ऋण माफी योजना के रुझान को नापसंद करते हुए आई.एम.एफ. प्रमुख ने कहा कि ऐसी नीतियों की पुनर्समीक्षा किए जाने की जरूरत है। मुख्य अर्थशास्त्री के तौर पर आई.एम.एफ. में शामिल होने वाली भारतीय मूल की गीता गोपीनाथ के बारे में बोलते हुए लेगार्डे ने कहा कि वह सर्वश्रेष्ठ हैं और हर रोज अपने इस गुण का प्रदर्शन कर रही हैं। 

विपक्ष का हमला
देश में बढ़ती जा रही बेरोजगारी की रिपोर्ट्स को लेकर विपक्ष मोदी सरकार को निशाना बना रहा है जिसका असर लगभग 1.3 अरब की जनसंख्या में युवाओं के एक बड़े हिस्से पर पड़ रहा है। इंटरनैशनल लेबर आर्गेनाइजेशन (आई. एल.ओ.) के अनुसार 2018 में भारत में बेरोजगारी दर 3.5 प्रतिशत थी जिसके 2019 में भी ऐसे ही जारी रहने की पूरी सम्भावना है, जैसे कि 2017 तथा 2016 में भी देखा गया था। आंकड़ों के मुताबिक 2019 में भारत में बेरोजगार लोगों की संख्या 1.89 करोड़ होगी, जो 2018 में 1.86 करोड़ से जरा अधिक है। आर्थिक संकट, बेरोजगारी तथा कृषि ऋण संकट कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे हैं, जिन्हें आधार बनाकर विपक्ष मोदी सरकार को निशाना बना रहा है और आने वाले दिनों  में  भी  इनके सुर्खियों में बने रहने की सम्भावना है क्योंकि देश चुनाव प्रचार के चरण में दाखिल हो रहा है।-आर. कंवल                            

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!