पाकिस्तान की फिर बदनामी

Edited By Updated: 18 Jan, 2022 06:35 AM

pakistan s defamation again

अमरीका में एक ऐसी आतंकी घटना हुई है, जिसके कारण पाकिस्तान फिर से सारी दुनिया में बदनाम हो रहा है। सारी दुनिया के अखबारों और टी.वी. चैनलों पर इस खबर को प्रमुख स्थान मिला

अमरीका में एक ऐसी आतंकी घटना हुई है, जिसके कारण पाकिस्तान फिर से सारी दुनिया में बदनाम हो रहा है। सारी दुनिया के अखबारों और टी.वी. चैनलों पर इस खबर को प्रमुख स्थान मिला है। खबर यह है कि मलिक फैजल अकरम नामक एक आदमी ने टैक्सास के एक यहूदी मंदिर (साइनेगॉग) में घुस कर 4 लोगों को बंदूक के दम पर बंधक बनाए रखा। यह आतंकी दृश्य इंटरनैट के जरिए सारा अमरीका देख रहा था। अमरीकी पुलिस ने आखिरकार उस आतंकी को मार गिराया। 

वह आतंकी यूं तो ब्रिटिश नागरिक था, लेकिन था वह पाकिस्तानी मूल का। उसने साइनेगॉग पर इसलिए हमला बोला कि वह अमरीकी जेल में बंद आफिया सिद्दीकी नामक महिला की रिहाई की मांग कर रहा था। आफिया मूलत: पाकिस्तानी है और वह अमरीकी जेल में 86 साल की सजा काट रही है। उसे ‘लेडी अल कायदा’ भी कहा जाता है। आफिया को इसलिए 2010 में गिरफ्तार करके उस पर न्यूयार्क में मुकद्दमा चलाया गया था, कि उसे अफगानिस्तान में कुछ अमरीकी फौजी अफसरों की हत्या के लिए जिम्मेदार माना गया था। 

आफिया सिद्दीकी पाकिस्तानी तो थी ही, वह पाकिस्तानी नेताओं की नजर में महानायिका भी थी। उसकी रिहाई के लिए पाकिस्तान के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री ने खुली अपीलें भी की थीं। उसे ‘राष्ट्रपुत्री’ का खिताब भी दिया गया था। उसके पक्ष में दर्जनों प्रदर्शन भी हुए। आतंकी मलिक अकरम ने टैक्सास के साइनेगॉग में बंदूक और विस्फोटकों के धमाकों के बीच दावा किया था कि वह आफिया का भाई है, लेकिन यह गलत था। अभी तक कोई ऐसा प्रमाण सामने नहीं आया, जिसके आधार पर कहा जा सके कि इस आतंकी घटना में पाकिस्तानी सरकार या फौज का कोई हाथ है, लेकिन अब पाकिस्तान में मलिक फैजल अकरम को कुछ लोग ‘शहीद’ की उपाधि देकर महानायक बनाने की कोशिश कर रहे हैं। 

अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस ने इस आतंकी घटना की घोर भत्र्सना की है और अमरीकी जनता में, खासकर यहूदियों में इसकी स त प्रतिक्रिया हुई। इसराईली प्रधानमंत्री और अन्य यहूदी नेताओं ने पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया है। पाकिस्तान को पहले से ही अमरीका ने लगभग अछूत बना रखा है, अब इस घटना ने उसकी मुसीबतें और भी ज्यादा बढ़ा दी हैं। 

पाकिस्तान के नेताओं, फौजियों और आम जनता के लिए इस दुखद घटना का सबक क्या है? क्या यह नहीं कि आतंकी तौर-तरीकों से किसी समस्या का हल नहीं हो सकता? उसके कारण खून-खराबा तो होता ही है, पाकिस्तान की बदनामी भी होती है। इस घटना के कारण पाकिस्तान के खिलाफ पहले से चल रहे अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक दबाव अब और भी ज्यादा बढ़ जाएंगे।-डा. वेदप्रताप वैदिक

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