90 करोड़ डेबिट- क्रेडिट कार्ड पर मंडरा रहा है खतरा, ये है कारण

Edited By Pardeep,Updated: 05 Oct, 2018 11:42 PM

90 crore debit  credit card risk is on this is the reason

नोटबंदी के बाद देश में डिजीटल पेमैंट का चलन तेजी से बढ़ा है लेकिन अब डैबिट, क्रैडिट कार्ड और कई ऑनलाइन पेमैंट सिस्टम के बंद होने का खतरा मंडराने लगा है। इसके पीछे वजह है आर.बी.आई. का वह आदेश, जिसमें कहा गया था कि कम्पनियां 15 अक्तूबर तक भारत के...

नई दिल्ली: नोटबंदी के बाद देश में डिजीटल पेमैंट का चलन तेजी से बढ़ा है लेकिन अब डैबिट, क्रैडिट कार्ड और कई ऑनलाइन पेमैंट सिस्टम के बंद होने का खतरा मंडराने लगा है। इसके पीछे वजह है आर.बी.आई. का वह आदेश, जिसमें कहा गया था कि कम्पनियां 15 अक्तूबर तक भारत के ग्राहकों का डाटा सिर्फ भारत में स्टोर करना शुरू कर दें। आज कम्पनियों ने वित्त मंत्री से मुलाकात कर रियायत की मांग की है। 

वीजा, मास्टर कार्ड, गूगल के प्रतिनिधियों ने वित्त मंत्री से मुलाकात कर डाटा स्टोर के लिए और वक्त मांगा है। डाटा स्टोर करने के लिए आर.बी.आई. ने 15 अक्तूबर तक का वक्त दिया है लेकिन कम्पनियां इस अवधि दौरान डाटा स्टोर करने में सक्षम नहीं हैं। कम्पनियों की दलील है कि डाटा स्टोर करने में करीब 2 साल का वक्त लगेगा। 

उल्लेखनीय है कि डैबिट और क्रैडिट कार्ड पेमैंट सिस्टम बंद होता है तो करीब 90 करोड़ डैबिट/क्रैडिट कार्ड पर असर पड़ सकता है जबकि विदेशी कम्पनियों के दूसरे गेटवे भी बंद होने का खतरा बढ़ जाएगा, जिसके चलते कम्पनियों ने रिजर्व बैंक से भी रियायत की मांग की है। 

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