अप्रैल में तेज हुई विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियांः PMI

Edited By Supreet Kaur,Updated: 02 May, 2018 02:49 PM

activities in the manufacturing sector accelerating in april

देश में विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में अप्रैल महीने में मामूली सुधार हुआ है। इसकी प्रमुख वजह नए ऑर्डर में तेजी, मांग की अनुकूल स्थितियों के बीच मुद्रास्फीति दबाव कम होना रही। एक मासिक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई।

नई दिल्लीः देश में विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में अप्रैल महीने में मामूली सुधार हुआ है। इसकी प्रमुख वजह नए ऑर्डर में तेजी, मांग की अनुकूल स्थितियों के बीच मुद्रास्फीति दबाव कम होना रही। एक मासिक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई।

निक्की इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) अप्रैल महीने में 51.6 पर रहा। यह देश की विनिर्माण गतिविधियों की सेहत में सुधार को दर्शाता है। मार्च में पीएमआई 51.0 पर था। सर्वेक्षण में कहा गया है कि मुद्रास्फीति दबाव में लगातार दूसरे महीने सुधार हुआ है। इस बीच खुदरा मुद्रास्फीति में गिरावट और वृद्धि को बढ़ावा देने की आवश्यकता के चलते भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के ब्याज दर में कटौती करने की उम्मीद है। पिछले महीने वित्त वर्ष 2018-19 की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीतिगत बैठक में आरबीआई ने रेपो दर को 6 प्रतिशत पर अपरिर्वितत रखा था। यह लगातार 9 वां महीना है जब विनिर्माण क्षेत्र का पीएमआई 50 अंक के स्तर से ऊपर बना हुआ है। पीएमआई का 50 से ऊपर विनिर्माण क्षेत्र में विस्तार, जबकि 50 से नीचे रहना संकुचन दर्शाता है।

आईएचएस मार्किट की अर्थशास्त्री और रिपोर्ट की लेखिका आशना डोढिया ने कहा कि मजबूत मांग की स्थितियों से भारत के विनिर्माण क्षेत्र ने तिमाही की शुरुआत में थोड़ी मजबूत रही। मजबूत उत्पादन आवश्यकताओं ने रोजगार सृजन को बढ़ावा दिया और कंपनियों को कच्चे माल खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया। सर्वेक्षण में कहा गया है कि जीएसटी लागू होने के बाद से कारोबारी रुख सबसे मजबूत स्तर पर हैं।     

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