टाटा की झोली में गिरेगी एक और कंपनी! iPhone बनाने के लिए खरीदेगा अब यह प्लांट

Edited By jyoti choudhary,Updated: 09 Apr, 2024 05:07 PM

another company will fall in tata s lap now it will buy this plant

अमेरिका की दिग्गज कंपनी ऐपल के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर आईफोन बनाने वाली ताइवान की एक और कंपनी टाटा ग्रुप की झोली में आने वाली है। सूत्रों के मुताबिक टाटा ग्रुप ताइवानी कंपनी पेगाट्रॉन की इंडिया यूनिट में मैज्योरिटी स्टेक खरीदने के लिए की तैयारी में है।...

बिजनेस डेस्कः अमेरिका की दिग्गज कंपनी ऐपल के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर आईफोन बनाने वाली ताइवान की एक और कंपनी टाटा ग्रुप की झोली में आने वाली है। सूत्रों के मुताबिक टाटा ग्रुप ताइवानी कंपनी पेगाट्रॉन की इंडिया यूनिट में मैज्योरिटी स्टेक खरीदने के लिए की तैयारी में है। दोनों कंपनियों के बीच बातचीत एडवांस स्टेज में है। इससे पहले टाटा ग्रुप ऐपल की एक और कॉन्ट्रैक्ट मैन्यूफैक्चरर विस्ट्रॉन को खरीद चुकी है। सूत्रों का कहना है कि यह डील आने वाले दो से तीन महीनों में पूरा होने की उम्मीद है। 

हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि यह विस्ट्रॉन की तरह का अधिग्रहण होगा या जॉइंट वेंचर। अभी दोनों विकल्प खुले हैं। पेगाट्रॉन और फॉक्सकॉन की तरह विस्ट्रॉन भी ऐपल के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर आईफोन बनाती है। टाटा ग्रुप ने पिछले साल नवंबर में 12.5 करोड़ डॉलर (1,000 करोड़ रुपए) में इसकी लोकल यूनिट को खरीदा था और iPhone बनाने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई।

टाटा के पेगाट्रॉन की खरीदने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर, इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी और रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यह जानकर खुशी हुई कि मोबाइल फोन निर्माण में भारतीय चैंपियन उभर रहे हैं। जैसे-जैसे यह सेक्टर बढ़ रहा है, ज्यादा से ज्यादा युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिल रहे हैं। एक सूत्र ने कहा कि इस डील की रकम विस्ट्रॉन सौदे से कम होने वाली है। इसकी वजह यह है कि पेगाट्रॉन एक छोटी कंपनी है और जब यह अधिग्रहण पूरा होगा तो उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) स्कीम के तहत दो साल से भी कम समय बाकी रहेगा। एक सूत्र ने कहा कि टाटा ग्रुप अपनी सहायक कंपनी टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के जरिए यह डील पूरा करने की तैयारी में है।

क्या है ऐपल की योजना

जानकारों का कहना है कि ऐपल इस डील को जल्द से जल्द बंद करना चाहती है ताकि एनुअल लॉन्च से पहले पहले ऑनरशिप को लेकर किसी तरह का कनफ्यूजन न हो। कंपनी सितंबर में नए iPhone लॉन्च करेगी जिनका प्रॉडक्शन जून-अगस्त में शुरू होगा। इस बारे में टाटा ग्रुप, पेगाट्रॉन और ऐपल ने प्रश्नों का जवाब नहीं दिया। पेगाट्रॉन के भारत में लगभग 9,500 कर्मचारी हैं और वह सालाना लगभग 45 लाख iPhone बनाती है। कंपनी ने 2022 में भारत में बिजनस शुरू किया था। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन मार्केट है।

पेगाट्रॉन ऐपल के तीन कॉन्ट्रैक्ट मैन्यूफैक्चरर्स में से एक है जिन्हें स्मार्टफोन PLI स्कीम के तहत चुना गया है लेकिन इसे केवल चार साल ही फायदा मिलेगा क्योंकि उसने फॉक्सकॉन और विस्ट्रॉन की तुलना में एक साल बाद निर्माण शुरू किया था। कंपनी ने PLI स्कीम के तहत FY23 और FY25 के बीच 1,132 करोड़ रुपए का निवेश करने का वादा किया था।

अभी भारत में अधिकांश आईफोन फॉक्सकॉन बनाती है। सूत्रों के मुताबिक अगर टाटा और पेगाट्रॉन की डील होती है तो पेगाट्रॉन के कर्मचारी नई यूनिट में चले जाएंगे। एक सूत्र ने कहा कि ऐपल भारत में अपना बिजनस बढ़ाना चाहती है और टाटा द्वारा पेगाट्रॉन का अधिग्रहण इसी योजना का हिस्सा हो सकता है। ऐपल चीन में इसी रणनीति के तहत काम करती है जहां 90% आपूर्तिकर्ता चीनी हैं। वियतनाम का मामला अलग है क्योंकि वहां कोई मजबूत कंपनी नहीं है। कंपनी वियतनाम में iPad और Mac पर्सनल कंप्यूटर बनाती है लेकिन वहां iPhone नहीं बनाए जाते हैं।
 

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