Edited By jyoti choudhary,Updated: 03 Feb, 2024 02:39 PM
क्रिसिल ने कहा कि वर्तमान दशक के अंत तक भारतीय अर्थव्यवस्था की औसत वार्षिक वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। रेटिंग एजेंसी की एक ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2023-24 से 2030-31 के बीच अर्थव्यवस्था इस दर से बढ़ेगी। यह दर महामारी...
बिजनेस डेस्कः क्रिसिल ने कहा कि वर्तमान दशक के अंत तक भारतीय अर्थव्यवस्था की औसत वार्षिक वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। रेटिंग एजेंसी की एक ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2023-24 से 2030-31 के बीच अर्थव्यवस्था इस दर से बढ़ेगी। यह दर महामारी से पहले की औसत वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत से थोड़ी अधिक है।
क्रिसिल के अनुसार इस प्रवृत्ति में पूंजी का मुख्य रूप से योगदान होगा। रिपोर्ट में कहा गया कि सरकार ने निर्माण गतिविधियों का समर्थन करने के लिए पूंजीगत व्यय में उल्लेखनीय वृद्धि की है और राज्यों के निवेश प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए ब्याज मुक्त ऋण दे रही है।
क्रिसिल ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में 7.3 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि के बाद, अगले वित्त वर्ष में इसके 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। रिपोर्ट के मुताबिक आरबीआई ब्याज दर के मोर्चे पर सतर्क रहेगा, क्योंकि उसकी नजर मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत के स्तर पर लाने पर रहेगी।