बासमती निर्यातकों को लगा झटका, पंजाब के किसानों को होगा नुकसान!

Edited By jyoti choudhary,Updated: 10 Aug, 2018 05:32 PM

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ईरान के बासमती खरीदारों ने भारत के किसानों के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है, जिस का नुकसान पंजाब और हरियाणा के किसानों को झेलना पड़ सकता है।

मुंबईः ईरान के बासमती खरीदारों ने भारत के किसानों के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है, जिस का नुकसान पंजाब और हरियाणा के किसानों को झेलना पड़ सकता है। दरअसल, भारत के कुछ निजी बासमती ब्रांडों ने ईरान को जो बासमती चावल निर्यात किए थे उसका भुगतान अभी तक नहीं हुआ है। भुगतान की राशि करीब 500 करोड़ रुपए की है। इस वजह से बासमती चावल निर्यात करने वाली कंपनियों के हाथ खड़े हो गए हैं और चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान भारत के बासमती चावल निर्यात में गिरावट दर्ज की गई है।

इस साल अप्रैल-जून तिमाही में भारत का बासमती चावल निर्यात 7.2 फीसदी तक गिरकर 11.7 लाख टन हो गया जबकि पिछले साल समान अवधि में यह 12.6 लाख टन था। ईरान भारत के ब्रांडेड और गैर-ब्रांडेड बासमती चावल का सबसे बड़ा आयातक है। जून तिमाही में भारत के कुल बासमती चावल निर्यात में ईरान का योगदान 36 प्रतिशत था। 

निर्यात घटने का मतलब है कि भारत अपना पहला स्टॉक ही नहीं निकाल सकेगा और दूसरी तरफ नई फसल आने से सप्लाई और बढ़ जाएगी, ऐसे में कीमतों में गिरावट देखने को मिलेगी। पंजाब में बासमती की सबसे ज्यादा पैदावार माझे में होती है, जबकि कुछ हद तक बाकी हिस्सों में भी इसकी बुआई की जाती है। बासमती की कीमतें घटने का असर गैर-बासमती चावलों पर भी देखने को मिल सकता है, जिस के कारण किसानों के हाथ निराशा लग सकती है। 

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