Edited By jyoti choudhary,Updated: 01 Apr, 2022 06:25 PM
ईंट भट्ठा कारोबारी शुक्रवार से इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के बिना छह प्रतिशत जीएसटी देने के लिए एक समग्र (कंपोजीशन) योजना को चुन सकते हैं। जो कारोबारी कंपोजीशन योजना का विकल्प नहीं चुनना चाहते हैं, उन पर आईटीसी के साथ 12 प्रतिशत वस्तु एवं सेवा कर...
नई दिल्लीः ईंट भट्ठा कारोबारी शुक्रवार से इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के बिना छह प्रतिशत जीएसटी देने के लिए एक समग्र (कंपोजीशन) योजना को चुन सकते हैं। जो कारोबारी कंपोजीशन योजना का विकल्प नहीं चुनना चाहते हैं, उन पर आईटीसी के साथ 12 प्रतिशत वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लगेगा। सरकार ने 31 मार्च को जीएसटी दरों को अधिसूचित किया, जो एक अप्रैल से लागू हैं।
अधिसूचना के अनुसार ईंट, टाइल्स, फ्लाई ऐश ईंट और जीवाश्म ईंट के निर्माता कंपोजीशन योजना का विकल्प चुन सकते हैं। अब तक, ईंटों के निर्माण और व्यापार पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगता था, और व्यवसायों को इनपुट पर क्रेडिट का दावा करने की अनुमति थी। जीएसटी परिषद ने पिछले साल सितंबर में ईंट भट्ठों को एक अप्रैल 2022 से विशेष संरचना योजना के तहत लाने का फैसला किया था। एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ भागीदार रजत मोहन ने कहा कि भारत में पहले ही मुद्रास्फीति बढ़ी हुई है और इस समय जरूरी बुनियादी ढांचा क्षेत्र की वस्तुओं पर कर दरों में वृद्धि से आवास और बुनियादी ढांचा क्षेत्र प्रभावित होगा।