Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Nov, 2025 05:40 PM

भारतीय सीमेंट उद्योग वित्त वर्ष 2025-26 से 2027-28 के बीच 16 से 17 करोड़ टन (एमटी) की ‘ग्राइंडिंग' क्षमता जोड़ने जा रहा है और पूंजीगत व्यय में लगभग 1.2 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगा। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने एक रिपोर्ट में कहा कि यह पिछले तीन वित्त...
नई दिल्लीः भारतीय सीमेंट उद्योग वित्त वर्ष 2025-26 से 2027-28 के बीच 16 से 17 करोड़ टन (एमटी) की ‘ग्राइंडिंग' क्षमता जोड़ने जा रहा है और पूंजीगत व्यय में लगभग 1.2 लाख करोड़ रुपए का निवेश करेगा। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने एक रिपोर्ट में कहा कि यह पिछले तीन वित्त वर्ष की तुलना में लगभग 75 प्रतिशत अधिक है जब उद्योग ने 9.5 करोड़ टन क्षमता जोड़ी थी। क्षमता वृद्धि में यह बढ़ोतरी ‘‘मुख्य रूप से बेहतर मांग परिदृश्य और उच्च क्षमता उपयोग से प्रेरित है।''
इसमें कहा गया, ‘‘हालांकि, इस (वृद्धि) के लिए पर्याप्त पूंजीगत व्यय की आवश्यकता होगी लेकिन इससे जुड़े जोखिम कम होंगे क्योंकि इसका एक बड़ा हिस्सा ‘ब्राउनफील्ड' (पहले से जारी परियोजनाओं का) है और विस्तार का अधिकतर हिस्सा स्वस्थ परिचालन नकदी प्रवाह से वित्तपोषित होगा।''
क्रिसिल रेटिंग्स ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप सीमेंट विनिर्माताओं की वित्तीय स्थिति जिसे कर पूर्व आय (एबिटा) अनुपात के आधार पर मापा जाता है...वह स्थिर रहेगी जिससे क्रेडिट रेटिंग स्थिर रहेगी। क्रिसिल का विश्लेषण 17 सीमेंट विनिर्माताओं के प्रदर्शन पर आधारित है जो 31 मार्च, 2025 तक 66.8 करोड़ टन स्थापित क्षमता का 85 प्रतिशत हिस्सा है। इसके अलावा, अनुमानित पूंजीगत व्यय में हरित ऊर्जा और लागत दक्षता सुधार परियोजनाओं में निवेश के लिए 10-15 प्रतिशत परिव्यय भी शामिल है जो लाभप्रदता का समर्थन करेगा।