Edited By jyoti choudhary,Updated: 28 Dec, 2020 03:47 PM
उद्योग संगठन सीआईआई ने सरकार को अपनी बजट पूर्व सिफारिशों के तहत अगले तीन साल के दौरान आयात शुल्क को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए इसे वर्गीकृत बनाने का सुझाव दिया है। इसके तहत कच्चे माल के लिए शून्य से 2.5 प्रतिशत तक
नई दिल्लीः उद्योग संगठन सीआईआई ने सरकार को अपनी बजट पूर्व सिफारिशों के तहत अगले तीन साल के दौरान आयात शुल्क को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए इसे वर्गीकृत बनाने का सुझाव दिया है। इसके तहत कच्चे माल के लिए शून्य से 2.5 प्रतिशत तक शुल्क रखने का सुझाव दिया गया है वहीं तैयार माल के लिए पांच से 7.5 प्रतिशत तक और मध्यवर्ती सामान के लिए 2.5 से पांच प्रतिशत तक आयात शुल्क रखने का सुझाव दिया है।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने वैश्विक व्यापार प्रवृत्तियों के अनुरूप घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए इस मसौदे का प्रस्ताव दिया है, जो अगले तीन से पांच वर्षों में वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं के अनुसार भारत के निर्यात को प्रतिस्पर्धी बनाएगा। उद्योग मंडल ने कहा, ‘‘यह भारतीय उद्योग को वैश्विक बाजारों में अपने माल और सेवाओं को प्रतिस्पर्धी बनाने और वैश्विक मूल्य श्रृंखला के साथ जोड़ने में मदद करेगा।''
सीआईआई ने उच्च स्तर पर रोजगार को बढ़ावा देने के लिए पारिश्रमिक की सीमा को 50,000 रुपए प्रतिमाह तक बढ़ाने का सुझाव भी दिया। आयकर अधिनियम की धारा 80जेजेएए के तहत किसी भारतीय विनिर्माण कंपनी द्वारा नए कर्मचारी की नियुक्ति की स्थिति में तीन वर्षों तक अदा किए गए पारिश्रमिक पर उसे टैक्स लाभ दिया जाता है। इस समय यह लाभ प्रतिमाह 25,000 रुपए तक के वेतन पर मिलता है।