Edited By jyoti choudhary,Updated: 19 Jul, 2022 03:14 PM
सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया लि. ने कोयले के अल्पकालीन आयात के लिए अपनी पहली निविदा रद्द कर दी है। इस निविदा में अडाणी एंटरप्राइजेज सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी बनकर उभरी थी। सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
नई दिल्लीः सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया लि. ने कोयले के अल्पकालीन आयात के लिए अपनी पहली निविदा रद्द कर दी है। इस निविदा में अडाणी एंटरप्राइजेज सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी बनकर उभरी थी। सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। अडाणी एंटरप्राइजेज को अल्पकालीन कोयला आयात के लिए चुना गया था। कंपनी ने 24.16 लाख टन कोयले के आयात के लिए करीब 17,000 रुपए प्रति टन की बोली लगाई थी।
हालांकि, 60 लाख टन कोयला आयात के लिए मध्यम अवधि की निविदा के तहत पीटी बारा दया एनर्जी ने अडाणी समूह से 2,000 रुपए प्रति टन कम की बोली लगाई थी। सूत्रों ने कहा कि कोल इंडिया ने आठ जुलाई को निदेशक मंडल की बैठक में 24.16 लाख टन की अल्पकालीन निविदा को रद्द करने का निर्णय किया। साथ ही पीटी बारा दया एनर्जी से मध्यम अवधि की निविदा के तहत ईंधन की आपूर्ति करने को कहा है। इस बारे में अडाणी एंटरप्राइजेज से प्रतिक्रिया मांगी गयी, लेकिन उनकी तरफ से फिलहाल कोई जवाब नहीं आया। कोल इंडिया ने नौ जून को 24.16 लाख टन कोयले के आयात के लिए निविदा जारी की थी। इसका मकसद देश में बिजलीघरों को पर्याप्त कोयला आपूर्ति सुनिश्चित करना था। कंपनी ने 10 जून को विदेशों से 60 लाख टन कोयले के आयात के लिये मध्यम अवधि की दो निवदाएं जारी की थीं।