Edited By jyoti choudhary,Updated: 05 May, 2021 03:41 PM
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग ने बुधवार को चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर के पूर्वानुमान को घटाकर 9.8 प्रतिशत कर दिया। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर के चलते आर्थिक सुधार की गाड़ी पटरी से उतर सकती है।
बिजनेस डेस्कः एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग ने बुधवार को चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर के पूर्वानुमान को घटाकर 9.8 प्रतिशत कर दिया। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर के चलते आर्थिक सुधार की गाड़ी पटरी से उतर सकती है। एसएंडपी ने मार्च में कहा था कि अर्थव्यवस्था को तेजी से खोलने और राजकोषीय प्रोत्साहनों के कारण वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान भारत की वृद्धि दर 11 प्रतिशत रह सकती है।
एसएंडपी ने इस समय भारत की रेटिंग स्थिर दृष्टिकोण के साथ ‘बीबीबी-' तय की है। उसने कहा कि भारत की संप्रभु क्रेडिट रेटिंग पर असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर मंदी की गहराई से निर्धारित होगा। भारत सरकार की राजकोषीय स्थित बेहद तंग है। वित्त वर्ष 2021 में आम सरकारी घाटा जीडीपी का लगभग 14 प्रतिशत था।
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स एशिया-प्रशांत के मुख्य अर्थशास्त्री शॉन रोशे ने कहा, "भारत की दूसरी लहर ने हमें इस वित्त वर्ष के लिए अपने जीडीपी वृद्धि के पूर्वानुमान को संशोधित करने के लिए मजबूर किया।''
गोल्डमैन सैक्स ने भी घटाया ग्रोथ रेट का अनुमान
अमेरिकी ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैक्स ने कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप और उसके चलते कई राज्यों तथा शहरों में लागू लॉकडाउन के मद्देनजर वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि के पूर्वानुमान को 11.7 प्रतिशत से घटाकर 11.1 प्रतिशत कर दिया। गोल्डमैन सैक्स ने एक रिपोर्ट में कहा कि लॉकडाउन की तीव्रता पिछले साल के मुकाबले कम है। फिर भी, भारत के प्रमुख शहरों में सख्त प्रतिबंधों का असर साफ दिखाई दे रहा है।