बुनियादी ढांचा क्षेत्र की 431 परियोजनाओं की लागत जनवरी तक 4.80 लाख करोड़ रुपए बढ़ी

Edited By jyoti choudhary,Updated: 25 Feb, 2024 12:39 PM

cost of 431 infrastructure projects increased by rs 4 80 lakh crore till january

बुनियादी ढांचा क्षेत्र की 150 करोड़ रुपए या इससे अधिक के खर्च वाली 431 परियोजनाओं की लागत जनवरी, 2024 तक तय अनुमान से 4.80 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा बढ़ गई है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि देरी और अन्य कारणों से इन परियोजनाओं की लागत बढ़ी है।...

नई दिल्लीः बुनियादी ढांचा क्षेत्र की 150 करोड़ रुपए या इससे अधिक के खर्च वाली 431 परियोजनाओं की लागत जनवरी, 2024 तक तय अनुमान से 4.80 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा बढ़ गई है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि देरी और अन्य कारणों से इन परियोजनाओं की लागत बढ़ी है। सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय 150 करोड़ रुपए या इससे अधिक की लागत वाली बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की निगरानी करता है। 

मंत्रालय की जनवरी, 2024 की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तरह की 1,821 परियोजनाओं में से 431 की लागत बढ़ गई है, जबकि 780 अन्य परियोजनाएं देरी से चल रही हैं। रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘इन 1,821 परियोजनाओं के क्रियान्वयन की मूल लागत 26,09,679.38 करोड़ रुपये थी लेकिन अब इसके बढ़कर 30,90,135.99 करोड़ रुपए हो जाने का अनुमान है। इससे पता चलता है कि इन परियोजनाओं की लागत 18.41 प्रतिशत यानी 4,80,456.61 करोड़ रुपए बढ़ गई है।'' रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी, 2024 तक इन परियोजनाओं पर 16,43,821.69 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं, जो कुल अनुमानित लागत का 53.20 प्रतिशत है। 

हालांकि, मंत्रालय ने कहा है कि यदि परियोजनाओं के पूरा होने की हालिया समयसीमा के हिसाब से देखें तो देरी से चल रही परियोजनाओं की संख्या कम होकर 583 पर आ जाएगी। रिपोर्ट में 373 परियोजनाओं के चालू होने के समय की जानकारी नहीं दी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि देरी से चल रही 780 परियोजनाओं में से 194 परियोजनाएं एक महीने से 12 महीने, 187 परियोजनाएं 13 से 24 महीने की, 284 परियोजनाएं 25 से 60 महीने और 115 परियोजनाएं 60 महीने से अधिक की देरी से चल रही हैं। इन 780 परियोजनाओं में विलंब का औसत 36.13 महीने है। 

इन परियोजनाओं में देरी के कारणों में भूमि अधिग्रहण में विलंब, पर्यावरण और वन विभाग की मंजूरियां मिलने में देरी और बुनियादी संरचना की कमी प्रमुख है। इसके अलावा परियोजना का वित्तपोषण, विस्तृत अभियांत्रिकी को मूर्त रूप दिए जाने में विलंब, परियोजना की संभावनाओं में बदलाव, निविदा प्रक्रिया में देरी, ठेके देने व उपकरण मंगाने में देरी, कानूनी व अन्य दिक्कतें, अप्रत्याशित भू-परिवर्तन आदि की वजह से भी इन परियोजनाओं में विलंब हुआ है। 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!