Edited By jyoti choudhary,Updated: 30 Apr, 2018 05:34 PM
देश का इंजीनियरिंग निर्यात 2017-18 में 17 फीसदी बढ़कर 76 अरब डॉलर हो गया। ये आंकड़े इंजीनियरिंग निर्यात की शीर्ष संस्था इंजीनियरिंग निर्यात संवद्र्धन परिषद (ईईपीसी) ने पेश किए। ईईपीसी इंडिया ने एक
मुंबईः देश का इंजीनियरिंग निर्यात 2017-18 में 17 फीसदी बढ़कर 76 अरब डॉलर हो गया। ये आंकड़े इंजीनियरिंग निर्यात की शीर्ष संस्था इंजीनियरिंग निर्यात संवद्र्धन परिषद (ईईपीसी) ने पेश किए। ईईपीसी इंडिया ने एक विज्ञप्ति में कहा कि देश के कुल वाणिज्यिक वस्तु निर्यात में इंजीनियरिंग निर्यात की हिस्सेदारी 25 फीसदी से अधिक है। मार्च में समाप्त वित्त वर्ष में यह 76 अरब डॉलर रहा है जो 2016-17 में 65.23 अरब डॉलर था। इसकी प्रमुख वजह इस क्षेत्र का शानदार प्रदर्शन है।
ईईपीसी इंडिया के चेयरमैन रवि सहगल ने कहा, ‘‘धातु पैक इस क्षेत्र के शानदार प्रदर्शन की मुख्य वजह रही और अमेरिका हमारे लिए अभी भी एक महत्वपूर्ण बाजार बना हुआ है।’’ लौह एवं इस्पात के निर्यात में 2017-18 के दौरान 29.42 फीसदी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है और यह 11.20 अरब डॉलर रहा है जो 2016-17 में 8.66 अरब डॉलर रहा था।
लौह एवं इस्पात की वस्तुओं का निर्यात 14.82 फीसदी बढ़कर 6.76 अरब डॉलर रहा है जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 5.89 अरब डॉलर था। देश से इंजीनियरिंग सामानों के निर्यात मामले में अमेरिका अभी भी शीर्ष पर कायम है। इसमें अभी भी 44.3 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई है। सहगल ने कहा कि अमेरिका की अर्थव्यवस्था सधी हुई चाल के साथ तेज गति से बढ़ रही है। हमें इसका फायदा उठाना चाहिए। हालांकि, नीति के स्तर पर हमें सरकार से थोड़े और समर्थन की उम्मीद है जिसमें कर रिफंड मामलों के तेजी से निपटारे का मुद्दा शामिल है।