Edited By jyoti choudhary,Updated: 27 Jan, 2024 06:23 PM
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि वित्त वर्ष 2027-28 तक भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए प्रत्येक भागीदार के सहयोग की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इसके लिए भारत की जीडीपी को 5,000 अरब डॉलर के आंकड़े को पार करना...
नई दिल्लीः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि वित्त वर्ष 2027-28 तक भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए प्रत्येक भागीदार के सहयोग की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इसके लिए भारत की जीडीपी को 5,000 अरब डॉलर के आंकड़े को पार करना होगा। वित्त मंत्री ने साथ ही जोड़ा कि सीमा शुल्क विभाग की 'फेसलेस मूल्यांकन' और 'एकल खिड़की निपटान' जैसी पहलों को विकसित करने की जरूरत है।
सीतारमण ने 'अंतरराष्ट्रीय सीमा शुल्क दिवस 2024' के अवसर पर एक लिखित संदेश में कहा कि भारत के 'अमृत काल' के दौरान सभी हितधारकों को एक साथ आने और नागरिकों को लाभ पहुंचाने के लिए योगदान करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस साल अंतरराष्ट्रीय सीमा शुल्क दिवस का ध्येय वाक्य ''परंपरागत और नए साझेदारों को उद्देश्य से जोड़ने वाला सीमा शुल्क'' है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नारे 'सबका साथ - सबका विकास' की गूंज सुनाई देती है। सीतारमण ने कहा, ''भारत को 2027-28 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए हर साझेदार को सहयोग करने की जरूरत है।''