Edited By jyoti choudhary,Updated: 04 Sep, 2025 03:09 PM

त्योहारों से पहले घरेलू उपयोग की जरूरी वस्तुओं पर जीएसटी दरों में कटौती से उपभोक्ता मांग में तेजी आने की उम्मीद है। लंबे समय से सुस्त पड़े उपभोक्ता बाजार में अब सुधार के शुरुआती संकेत दिखने लगे हैं और सरकार का यह कदम इसे और गति देगा।
नई दिल्लीः त्योहारों से पहले घरेलू उपयोग की जरूरी वस्तुओं पर जीएसटी दरों में कटौती से उपभोक्ता मांग में तेजी आने की उम्मीद है। लंबे समय से सुस्त पड़े उपभोक्ता बाजार में अब सुधार के शुरुआती संकेत दिखने लगे हैं और सरकार का यह कदम इसे और गति देगा।
कंपनियों का कहना है कि साबुन, शैम्पू, हेयर ऑयल से लेकर नमकीन जैसे पैकेटेड फूड प्रोडक्ट्स की मांग में इजाफा होगा। पारले प्रोडक्ट्स के वाइस प्रेसिडेंट मयंक शाह ने कहा, “यह बदलाव गेमचेंजर साबित होगा। पाप वस्तुओं (Sin Goods) को छोड़कर लगभग सभी खाद्य पदार्थ अब 5% कर स्लैब में आ गए हैं। बड़े पैक की कीमतों में कटौती दिखेगी, जबकि छोटे पैक में उपभोक्ताओं को ज्यादा ग्रामेज मिलेगा।”
हालांकि उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि कीमतों में वास्तविक कमी नई खेप (स्टॉक) पर ही दिखेगी। जो पैकेट पहले से दुकानों पर मौजूद हैं, उन पर नए रेट का स्टिकर लगाना चुनौतीपूर्ण होगा। बड़े पैक नए रेट लागू होने के बाद 22 सितंबर से डिस्काउंट पर बेचे जा सकते हैं।
डाबर इंडिया के सीईओ मोहित मल्होत्रा ने कहा, “यह सुधार उपभोक्ता भावनाओं को मजबूत करेगा और खासतौर पर ग्रामीण व अर्ध-शहरी बाजारों में मांग बढ़ाने का उत्प्रेरक बनेगा। इससे रोजमर्रा के उत्पाद जैसे शैम्पू, साबुन, टूथपेस्ट अधिक किफायती होंगे।”
डेलॉयट इंडिया के महेश जैसिंग ने कहा कि आम उपयोग की वस्तुओं पर कर दर घटाने और खाद्य वस्तुओं को छूट देने से घर-गृहस्थी को राहत मिलेगी और विवाद भी कम होंगे। वहीं, बीसीजी के मैनेजिंग डायरेक्टर एवं सीनियर पार्टनर नमित पुरी के अनुसार, यह सुधार उपभोग को नई गति देगा और निवेशकों के भरोसे को मजबूत करेगा।
त्योहारों की शुरुआत नवरात्रि से होती है और इसी समय जीएसटी में कटौती लागू होने से शुरुआती खरीदारी पर सीधा असर पड़ेगा। कंपनियों को डर था कि अगर कर कटौती में देरी होती तो नवरात्रि की मांग पर असर पड़ सकता था।
दवाइयां भी होंगी सस्ती
जीएसटी में कटौती का असर दवाओं की कीमतों पर भी दिखेगा। जीवनरक्षक, कैंसर, रेयर डिजीज और क्रॉनिक थैरेपी से जुड़ी दवाओं की कीमतें कम होंगी। इंडियन फार्मास्यूटिकल एलायंस के सेक्रेटरी-जनरल सुधर्शन जैन ने कहा, “यह सुधार ऐतिहासिक और स्वागतयोग्य कदम है।”
- 33 जीवनरक्षक दवाओं पर जीएसटी 12% से घटाकर शून्य कर दिया गया है।
- कैंसर और रेयर डिजीज की 3 प्रमुख दवाओं पर 5% से घटाकर शून्य कर दिया गया है।
- अन्य सभी दवाओं पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है।