GDP वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 6.3% रहने का अनुमान: एसबीआई रिसर्च रिपोर्ट

Edited By Updated: 22 Aug, 2025 01:59 PM

gdp growth rate estimated to be 6 3 in the current financial year

भारत की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह भारतीय रिजर्व बैंक के 6.5 प्रतिशत के अनुमान की तुलना में कम है। एसबीआई रिसर्च की बृहस्पतिवार को जारी रिपोर्ट में यह कहा गया। रिपोर्ट में पहली तिमाही के लिए सकल घरेलू...

नई दिल्लीः भारत की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह भारतीय रिजर्व बैंक के 6.5 प्रतिशत के अनुमान की तुलना में कम है। एसबीआई रिसर्च की बृहस्पतिवार को जारी रिपोर्ट में यह कहा गया। रिपोर्ट में पहली तिमाही के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का अनुमान लगभग 6.8 से 7.0 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। इसका मुख्य कारण निजी पूंजीगत व्यय में कमी है। नवीनतम आर्थिक समीक्षा के अनुसार, मजबूत वृहद आर्थिक बुनियाद के बल पर भारत की अर्थव्यवस्था 2025-26 में 6.3-6.8 प्रतिशत की दर से बढ़ने की संभावना है। हालांकि, वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए रणनीतिक और सूझबूझ के साथ नीति प्रबंधन की आवश्यकता होगी।

देश की आर्थिक वृद्धि दर वित्त वर्ष 2024-25 (अप्रैल, 2024 से मार्च, 2025) में 6.5 प्रतिशत रही। यह इससे पिछले वित्त वर्ष की आर्थिक वृद्धि दर 9.2 प्रतिशत से कम है। रिपोर्ट कहती है कि भारत की जीडीपी वृद्धि दर दूसरी तिमाही में 6.5 प्रतिशत और उससे अगली तिमाही में 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है। वहीं चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर सबसे कम 6.1 प्रतिशत रहेगी। एसबीआई की रिपोर्ट की तुलना में, रिजर्व बैंक ने पहली तिमाही में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 6.7 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 6.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। प्रतिकूल परिस्थितियों के बारे में बात करते हुए, रिपोर्ट में कहा गया है कि सतत विकास के लिए चिंता का एक प्रमुख क्षेत्र निजी पूंजीगत व्यय में कमी है। 

रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘कृषि, विनिर्माण, आईटी आदि क्षेत्रों के 2,170 उद्यमों (अप्रैल 2025 के दौरान किए गए) के एक सर्वेक्षण पर आधारित आंकड़ों से संकेत मिलता है कि वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अपेक्षित पूंजीगत व्यय वित्त वर्ष 2024-25 के आंकड़ों से काफी कम है... हमारा मानना ​​है कि अमेरिकी शुल्क के पूंजीगत व्यय पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने के कारण यह आंकड़ा और कम हो सकता है।'' कर्ज वृद्धि के संबंध में, रिपोर्ट में कहा गया है कि 25 जुलाई, 2025 तक बैंकों की ऋण वृद्धि धीमी होकर 10 प्रतिशत रही जो एक साल पहले इसी अवधि में 13.7 प्रतिशत रही थी। 

दूसरी ओर, कुल जमा राशि में 10.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि एक साल पहले 10.65 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। रिपार्ट के मुताबिक, जून 2025 के लिए क्षेत्रीय ऋण वृद्धि के संकेत से पता चलता है कि एसएमई (लघु एवं मझोले उद्यम) को छोड़कर सभी क्षेत्रों में ऋण वृद्धि में गिरावट आई है। एसएमई ऋण में 21.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जो एक साल पहले 14.2 प्रतिशत थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका के शुल्क लगाए जाने के कारण, दूसरी तिमाही में कपड़ा, रत्न और आभूषण, चमड़ा, रसायन, कृषि, वाहन कलपुर्जा जैसे निर्यात उन्मुख क्षेत्रों क्षेत्रों में राजस्व और मार्जिन पर दबाव देखने को मिल सकता है।

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