Edited By jyoti choudhary,Updated: 17 Dec, 2025 05:32 PM

Indian economy: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की पूर्व मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में लगभग 7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कर सकती है। अक्टूबर में आईएमएफ के 6.6% के अनुमान से यह आंकड़ा थोड़ा अधिक...
बिजनेस डेस्कः Indian economy: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की पूर्व मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में लगभग 7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कर सकती है। अक्टूबर में आईएमएफ के 6.6% के अनुमान से यह आंकड़ा थोड़ा अधिक है। उन्होंने बताया कि जुलाई-सितंबर तिमाही में राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने 8.2% की वृद्धि दर दर्ज की है, जिससे सालाना जीडीपी वृद्धि लगभग 7% के करीब रहने की संभावना बढ़ गई है।
गीता गोपीनाथ ने आगे कहा कि अगर भारत लगातार 20 साल तक 8% की वृद्धि दर बनाए रख सकता है, तो 2047 के आर्थिक लक्ष्यों के बहुत करीब पहुंच जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता में सहयोग से दोनों देशों को लाभ होगा और वर्तमान में भारत बेहतर आर्थिक प्रदर्शन कर रहा है।
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केयरएज की रिपोर्ट
केयरएज रेटिंग्स की रिपोर्ट के अनुसार, देश की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर वित्त वर्ष 2025-26 में 7.5% रहने का अनुमान है, जबकि अगले वित्त वर्ष में यह नरम होकर 7% तक आ सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रुपए की हालिया कमजोरी के बावजूद मुद्रा वर्ष 2026-27 में 89-90 रुपए प्रति डॉलर के दायरे में रह सकती है।
केयरएज की मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा ने कहा कि मुद्रास्फीति पर नियंत्रण, ब्याज दरों में नरमी और कर बोझ में कमी जैसे कारक आर्थिक वृद्धि को समर्थन देंगे। संभावित भारत-अमेरिका व्यापार समझौता और पूंजीगत व्यय में सुधार भी वृद्धि दर को गति देंगे।
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रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वित्त वर्ष 2025-26 में वस्तु निर्यात में लगभग 1% की गिरावट आ सकती है, जबकि चालू खाते का घाटा और राजकोषीय घाटा क्रमशः 1% और 4.4% के आसपास रहने की संभावना है।
कुल मिलाकर, दोनों स्रोतों के अनुसार भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत वृद्धि के पथ पर है और अगले वित्त वर्षों में सतत सुधार और निवेश से यह रफ्तार और बढ़ सकती है।