Edited By jyoti choudhary,Updated: 31 May, 2021 06:42 PM
नेशनल स्टेटिस्टिक्स ऑफिस (NSO) ने आज FY21 के Q4 के GDP आंकडों के साथ पूरे साल के इकोनॉमिक ग्रोथ के आंकड़े जारी किए। जारी किए गए आंकडों के मुताबिक, जनवरी से मार्च के बीच GDP ग्रोथ रेट 1.6% रही। जबकि पूरे वित्त वर्ष यानी FY21 में GDP ग्रोथ रेट -7.3%...
नई दिल्लीः जनवरी से मार्च के दौरान यानी चौथी तिमाही में देश के सकल घरेलू उत्पादन (GDP) की विकास दर 1.6% रही है। जबकि सालाना आधार पर यानी अप्रैल 2020 से मार्च 2021 के दौरान इसमें 7.3% की गिरावट दर्ज की गई है। वित्त वर्ष 2020-21 में चार तिमाहियों में पहली दो तिमाही में GDP में गिरावट रही, जबकि अंतिम दो तिमाही में इसमें बढ़त देखी गई। यह लगातार दूसरी तिमाही होगी जिसमें कोरोना के बावजूद देश की अर्थव्यवस्था बढ़ती नजर आएगी।
राजकोषीय घाटा सरकार के अनुमान से कम रहा
दूसरी ओर वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान राजकोषीय घाटा सरकार के अनुमान से कम रहा। वित्त मंत्रालय ने सोमवार को फिस्कल डेफिसिट का डाटा जारी किया। इसके तहत राजकोषीय घाटा 18,21,461 करोड़ रुपए है। यह देश की GDP का 9.3% है, जो वित्त मंत्रालय के अनुमानित 9.5% से कम है।फाइनेंशियल इयर 2019-20 के दौरान फिस्कल डेफिसिट GDP का 4.6% रहा था। 2020-21 के लिए केंद्र सरकार के रेवेन्यू-खर्च के आंकड़ों को जारी करते हुए लेखा महानियंत्रक (CGA) ने फाइनेंशियल इयर के अंत में राजस्व घाटा (रेवेन्यू डेफिसिट) 7.42% रहा।
इंफ्रास्ट्रक्चर आउटपुट 56.1% बढ़ा
अप्रैल में सालाना आधार पर भारत का इंफ्रास्ट्रक्चर आउटपुट 56.1% बढ़ा। आपको बता दें कि देश के इंडस्ट्रियल आउटपुट में इंफ्रास्ट्रक्चर आउटपुट का योगदान करीब 40% है। हालांकि, कोरोना के सेकेंड वेव के कारण मासिक आधार पर इंफ्रास्ट्रक्चर आउटपुट में अप्रैल में 15.1% की गिरावट आई है।
कोरोना वायरस महामारी के सेकेंड वेव के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था की विकीस दर प्रभावित हुई है और सरकार का खर्च बढ़ा है। इसके बावजूद फिस्कल डेफिसीट सरकार द्वारा तय 9.5% से कम 9.3% पर रहा, जो देश की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर है।
Q4FY21 में GDP के पॉजिटिव ग्रोथ का अनुमान
एजेंसियों और एक्सपर्ट ने चौथी तिमाही में जीडीपी पॉजिटिव जोन में आने का अनुमान जताया था। एसबीआई रिसर्च का कहना था कि जनवरी-मार्च 2021 तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था में 1.3 फीसदी की ग्रोथ रह सकती है। हालांकि, एनएसओ ने चौथी तिमाही में 1 फीसदी की गिरावट का अनुमान लगाया है। पूरे साल को लेकर एसबीआई रिसर्च का आकलन जीडीपी में 7.3 फीसदी गिरावट का है। एसबीआई रिसर्च रिपोर्ट के मुख्य अर्थशास्त्री सौम्य कांति घोष के अनुमान के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022 में रीयल जीडीपी ग्रोथ सिंगल डिजिट यानी 10 फीसदी से नीचे रह सकती है। पहले आकलन था कि इस दोरान रीयल जीडीपी ग्रोथ 10.4 फीसदी रह सकती है। एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट में कहा गया है कि 1.3 फीसदी की ग्रोथ रेट के अनुमान के आधार पर भारत 25 देशों में पांचवीं सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होगा।