Edited By Supreet Kaur,Updated: 20 Aug, 2018 11:48 AM
ब्रिटेन की दिग्गज दवा कंपनी ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन फार्मास्यूटिकल्स भारत में अपने ब्रांड की संख्या 130 से घटाकर 20 करने की रणनीति पर काम कर रही है। साथ ही उसकी भारत में पेटेंट वाले ज्यादा उत्पाद उतारने की भी योजना है। इससे कंपनी को न केवल भारत में अपने...
नई दिल्लीः ब्रिटेन की दिग्गज दवा कंपनी ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन फार्मास्यूटिकल्स भारत में अपने ब्रांड की संख्या 130 से घटाकर 20 करने की रणनीति पर काम कर रही है। साथ ही उसकी भारत में पेटेंट वाले ज्यादा उत्पाद उतारने की भी योजना है। इससे कंपनी को न केवल भारत में अपने परिचालन को आसान बनाने में मदद मिलेगी बल्कि विश्लेषकों की मानें तो कंपनी ने ऊंची कीमत और ज्यादा मुनाफे वाले उत्पादों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए यह रणनीति बनाई है।
कंपनी पर घटेगा काम का बोझ
जीएसके फार्मा में उपाध्यक्ष (दक्षिण एशिया) और प्रबंध निदेशक (भारत) अन्नास्वामी वैदीश ने कहा, ‘जटिलताओं को कम करने के लिए हमने अपने ब्रांड की संख्या में कमी करने का फैसला किया है। इससे न केवल हमारा कामकाज आसान होगा लेकिन हमें अपनी ऊर्जा सही जगह लगाने का भी मौका मिलेगा। हर ब्रांड को उतारने के लिए बहुत समय और संसाधनों की जरूरत होती है।’ कंपनी अब जरूरत पड़ने पर ही ब्रांड एक्सटेंशन बाजार में उतारेगी और भारतीय बाजार में पेटेंट वाले उत्पादों को उतारने पर अपना ध्यान केंद्रित करेगी।
दवा बाजार में कंपनी का दबदबा
कंपनी पहले ही ब्रांडों की संख्या में कमी लाने के अभियान में जुटी है और पिछले एक साल में उसने यह संख्या 130 से घटाकर 70 कर दी है। वैदीश ने कहा कि कंपनी का लक्ष्य अगले डेढ़ साल में इस संख्या को घटाकर 20 करना है और उसका पूरा जोर छह या सात शीर्ष ब्रांड पर रहेगा। देश में त्वचा रोगों से संबंधित दवाओं और टीकों के बाजार में कंपनी का दबदबा है। साथ ही संक्रमण रोधी और उदर रोगों की दवाओं के बाजार में भी उसकी मजबूत उपस्थिति है। बाजार शोध कंपनी एआईओसीडी अवाक्स के आंकड़ों के मुताबिक जीएसके का त्वचा रोग संबंधी दवाओं का कारोबार 8.02 अरब रुपए का है और पिछले पांच साल में 8.7 फीसदी की सालाना चक्रवृद्घि दर से बढ़ा है। इसी तरह उसके 6.2 अरब रुपए के वैक्सीन बाजार की वृद्घि दर 7.9 फीसदी रही है।