Edited By jyoti choudhary,Updated: 19 Sep, 2025 01:51 PM

22 सितंबर से लागू नए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधारों से भारतीय उपभोक्ता प्रति व्यक्ति को अब हर महीने औसतन ₹58 से ₹88 की मामूली बचत हो सकती है। फिक्की और थॉट आर्बिट्रेज रिसर्च इंस्टीट्यूट (TARI) की संयुक्त रिपोर्ट “जीएसटी सुधारों की यात्रा को...
बिजनेस डेस्कः 22 सितंबर से लागू नए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधारों से भारतीय उपभोक्ता प्रति व्यक्ति को अब हर महीने औसतन ₹58 से ₹88 की मामूली बचत हो सकती है। फिक्की और थॉट आर्बिट्रेज रिसर्च इंस्टीट्यूट (TARI) की संयुक्त रिपोर्ट “जीएसटी सुधारों की यात्रा को समझना: जीएसटी और अर्थव्यवस्था, व्यापार और घरेलू उपभोग पर प्रभाव” में बताया गया है कि इस बदलाव से लोगों की प्रयोज्य आय (disposable income) बढ़ेगी, जिससे वे सेवाओं, रिटेल और स्थानीय व्यवसायों पर अधिक खर्च कर सकेंगे।
ग्रामीण और शहरी दोनों को राहत
रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीण परिवारों की 56.3% खरीदारी पहले छूट या रियायती दर पर थी, जो अब बढ़कर 73.5% हो गई है।
वहीं, शहरी परिवारों के लिए यह हिस्सा 50.5% से बढ़कर 66.2% तक पहुंच गया है। इसका मतलब है कि दोनों वर्गों को जरूरी सामान सस्ता मिलेगा।
5% GST स्लैब का बड़ा असर
सबसे अधिक राहत उस बदलाव से आई है, जिसमें 5% जीएसटी स्लैब का दायरा काफी बढ़ाया गया है। अब इस श्रेणी में 149 उपभोक्ता वस्तुएं शामिल हैं, जबकि पहले केवल 54 वस्तुएं थीं।
कीमतों में दिखने लगा असर
- मदर डेयरी का 1 लीटर UHT दूध ₹77 से घटकर ₹75 हुआ।
- 500 ग्राम मक्खन ₹305 से घटकर ₹285 हो गया।
GST काउंसिल की 56वीं बैठक का नतीजा
ये बदलाव 3 सितंबर 2025 को हुई जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में लिए गए फैसलों का परिणाम हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम कर संरचना को सरल बनाने और आवश्यक वस्तुओं को सस्ता करने की दिशा में “अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार” साबित होगा।