Edited By jyoti choudhary,Updated: 16 Sep, 2025 02:02 PM

अगर आप ज़ोमैटो, स्विगी या मैजिकपिन जैसे ऐप्स से खाना मंगाते हैं तो आपके लिए एक अहम अपडेट है। 22 सितंबर से इन ऐप्स पर डिलीवरी चार्ज पर 18% GST लागू होगा यानी अब हर ऑर्डर पर अतिरिक्त टैक्स देना होगा। इससे आपके कुल खर्च में थोड़ी बढ़ोतरी होगी।
बिजनेस डेस्कः अगर आप ज़ोमैटो, स्विगी या मैजिकपिन जैसे ऐप्स से खाना मंगाते हैं तो आपके लिए एक अहम अपडेट है। 22 सितंबर से इन ऐप्स पर डिलीवरी चार्ज पर 18% GST लागू होगा यानी अब हर ऑर्डर पर अतिरिक्त टैक्स देना होगा। इससे आपके कुल खर्च में थोड़ी बढ़ोतरी होगी।
इसके पहले ही कंपनियों ने प्लेटफॉर्म शुल्क बढ़ा दिया है। स्विगी ने कुछ शहरों में शुल्क 15 रुपए कर दिया है जिसमें GST शामिल है, जबकि ज़ोमैटो ने 12.50 रुपए और मैजिकपिन ने 10 रुपए प्रति ऑर्डर शुल्क रखा है। डिलीवरी चार्ज पर GST लागू होने के बाद अनुमान है कि ज़ोमैटो यूजर्स को लगभग 2 रुपए और स्विगी ग्राहकों को 2.6 रुपए प्रति ऑर्डर अतिरिक्त देना पड़ेगा।
डिलीवरी चार्ज पर नया टैक्स
वित्त मंत्रालय ने FAQ जारी करते हुए बताया कि लोकल डिलीवरी सर्विसेज 18% टैक्सेबल हैं। नियम के मुताबिक, अगर डिलीवरी किसी रजिस्टर्ड व्यक्ति द्वारा सीधे दी जाती है, तो 18% GST देय होगा। अगर डिलीवरी किसी ई-कॉमर्स ऑपरेटर (ECO) के लिए दी जाती है और वह रजिस्टर्ड नहीं है, तो GST ECO द्वारा देय होगा। अगर डिलीवरी किसी रजिस्टर्ड व्यक्ति द्वारा ECO के माध्यम से दी जाती है, तो GST आपूर्तिकर्ता द्वारा देय होगा।
शेयर मार्केट में असर
शेयर मार्केट पर भी इसका असर दिखा। मंगलवार को स्विगी के शेयर में 3% से अधिक तेजी आई, बीएसई में यह 245.30 रुपए पर खुला और 438.30 रुपए तक पहुंचा। ज़ोमैटो के शेयर भी 323.45 रुपये पर खुलकर 326.30 रुपए तक बढ़ गए।
इस बदलाव का असर मुख्य रूप से ग्राहकों के डिलीवरी खर्च और प्लेटफॉर्म शुल्क पर पड़ेगा, जबकि सरकार ने इसे लोकल डिलीवरी सेवाओं पर GST लागू करने के रूप में लागू किया है।