Edited By jyoti choudhary,Updated: 16 Sep, 2023 12:35 PM
देश में रूस से आयात अप्रैल से अगस्त के बीच लगभग दोगुना होकर 25.69 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इसका कारण कच्चे तेल और उर्वरक का आयात बढ़ना है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार इसके साथ, रूस इस वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों के दौरान भारत का दूसरा...
नई दिल्लीः देश में रूस से आयात अप्रैल से अगस्त के बीच लगभग दोगुना होकर 25.69 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इसका कारण कच्चे तेल और उर्वरक का आयात बढ़ना है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार इसके साथ, रूस इस वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों के दौरान भारत का दूसरा सबसे बड़ा आयात स्रोत बन गया है। रूस से आयात अप्रैल-अगस्त 2022 के दौरान 13.77 अरब डॉलर था।
रूस की भारत में कच्चे तेल के आयात बाजार में हिस्सेदारी यूक्रेन युद्ध से पहले एक प्रतिशत से भी कम थी, जो अब बढ़कर लगभग 40 प्रतिशत हो चुकी है। चीन और अमेरिका के बाद भारत कच्चे तेल का सबसे बड़ा आयातक है। यूक्रेन युद्ध के बाद पश्चिम के कुछ देशों ने दंडस्वरूप रूस से कच्चे तेल के आयात पर रोक लगाने के साथ अधिकतम मूल्य सीमा लगायी हुई है। इससे रूस भारत को किफायती दरों पर कच्चा तेल दे रहा है। आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-अगस्त के दौरान चीन से आयात घटकर 42 अरब डॉलर रह गया, जो पिछले साल इसी अवधि में 43.96 अरब डॉलर था।
इसी तरह, अमेरिका से आयात समीक्षाधीन अवधि में घटकर 18 अरब डॉलर रह गया, जो पिछले साल इस अवधि में 21.86 अरब डॉलर था। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से आयात भी इस दौरान घटकर 17 अरब डॉलर रह गया, जो पिछले साल इस अवधि में 22.32 अरब डॉलर था। वहीं, भारत के निर्यात में अप्रैल-अगस्त के दौरान उसके शीर्ष 10 गंतव्यों में से छह में गिरावट आई। भारत का अमेरिका, यूएई, चीन, सिंगापुर, जर्मनी और बांग्लादेश को निर्यात कम हो गया। हालांकि इस दौरान ब्रिटेन, नीदरलैंड और सऊदी अरब को होने वाला निर्यात बढ़ा है।