भारत बना हुआ है पसंदीदा निवेश गंतव्य, 2024 में FDI फ्लो बढ़ने की संभावना

Edited By jyoti choudhary,Updated: 24 Dec, 2023 03:38 PM

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भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के 2024 में गति पकड़ने की संभावना है। बेहतर व्यापक आर्थिक आंकड़े और औद्योगिक उत्पादन में तेजी के साथ आकर्षक पीएलआई योजना के कारण अधिक संख्या में विदेशी कंपनियां भारत की ओर आकर्षित होंगी। भू-राजनीतिक बाधाओं और...

बिजनेस डेस्कः भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के 2024 में गति पकड़ने की संभावना है। बेहतर व्यापक आर्थिक आंकड़े और औद्योगिक उत्पादन में तेजी के साथ आकर्षक पीएलआई योजना के कारण अधिक संख्या में विदेशी कंपनियां भारत की ओर आकर्षित होंगी। भू-राजनीतिक बाधाओं और वैश्विक स्तर पर ब्याज दरों में सख्ती के बीच भारत पसंदीदा निवेश गंतव्य बना हुआ है। 

उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव राजेश कुमार सिंह ने कहा कि सरकार लगातार एफडीआई नीति की समीक्षा करती है और हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श के बाद समय-समय पर इसमें बदलाव किया जाता है। इस साल जनवरी-सितंबर के दौरान देश में एफडीआई प्रवाह 22 प्रतिशत घटकर 48.98 अरब डॉलर रह गया। एक साल पहले इसी अवधि में यह आंकड़ा 62.66 अरब अमेरिकी डॉलर था। 

विदेशी कंपनियों के लिए भारत पसंदीदा स्थान

सिंह ने कहा कि 2014-23 की अवधि में एफडीआई आवक लगभग 596 अरब डॉलर रही है, जो 2005-14 के दौरान भारत को मिले एफडीआई से लगभग दोगुना है। उन्होंने कहा, ''एफडीआई के ये रुझान सकारात्मक हैं और भारत अभी भी विदेशी कंपनियों के लिए पसंदीदा स्थान बना हुआ है।'' सिंह ने कहा कि औषधि, खाद्य प्रसंस्करण और चिकित्सा उपकरणों जैसे क्षेत्रों के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं ने नतीजे देने शुरू कर दिए हैं और इनमें से कई क्षेत्रों में एफडीआई बढ़ा है। उन्होंने कहा कि इस साल एफडीआई में गिरावट की एक वजह सिंगापुर, अमेरिका और ब्रिटेन की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर में तेजी हो सकती है, क्योंकि ये देश भारत में एफडीआई के प्रमुख स्रोत हैं।

भारत में बढ़ेगा पूंजी प्रवाह

सलाहकार फर्म डेलॉयट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने कहा कि पूंजी प्रवाह में मंदी की वजह वैश्विक नकदी में सख्ती और भू-राजनीतिक अनिश्चितताएं हैं। उन्होंने कहा, ''हालांकि दुनिया जल्द ही भारत के बुनियादी सिद्धांतों की ताकत को पहचान लेगी और पूंजी प्रवाह बढ़ेगा।'' कानूनी सलाहकार फर्म इंडसलॉ के साझेदार अनिंद्य घोष ने कहा कि भारत इस तथ्य से कुछ राहत महसूस कर सकता है कि वह हाल की आर्थिक मंदी की मार झेलने वाला अकेला देश नहीं है। उन्होंने कहा, ''हाल में भारत में एफडीआई में आई गिरावट को लेकर काफी चिंताएं हैं लेकिन आंकड़े बताते हैं कि अगले साल एफडीआई प्रवाह में मामूली वृद्धि हो सकती है।'' 
 

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